scorecardresearch
Mango Varieties: अरे वाह... किसान ने किया कमाल! एक ही पेड़ पर उगाए 23 तरह के आम

Mango Varieties: अरे वाह... किसान ने किया कमाल! एक ही पेड़ पर उगाए 23 तरह के आम

सांगली के किसान काकासाहेब सावंत ने कमाल कर दिया है. वे ऐसे किसान हैं जो हमेशा प्रयोग करते रहते हैं. इसी प्रयोग में उन्होंने आम के एक पेड़ पर 23 तरह की किस्में उगा दी हैं. इसमें केसर, हापुस और तोतापुरी जैसी किस्में हैं. आम अभी छोटे हैं, लेकिन अभी से इसकी चर्चा तेज है.

advertisement
सांगली के किसान ने एक ही पेड़ पर उगाई 23 तरह की आम की किस्में सांगली के किसान ने एक ही पेड़ पर उगाई 23 तरह की आम की किस्में

ऐसा जल्दी होता नहीं है. क्या आपने कहीं देखा है कि एक ही पेड़ पर अलग-अलग तरह की किस्म उगाई जाए. आपने अभी तक यही देखा होगा कि आम के पेड़ पर आम और लीची पर लीची उगाई जाती है. लेकिन महाराष्ट्र के सांगली में तो एक किसान ने कमाल ही कर दिया. इस किसान ने एक ही पेड़ पर आम की 23 अलग-अलग किस्में उगा दीं. आज इस किसान और उसके पेड़ की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है. लोग उस पेड़ को भी देखने आ रहे हैं जिस पर एक साथ अलग-अलग तरह की 23 किस्में लगी हैं. इस किसान का नाम है काकासाहेब सावंत. 

अब खबर विस्तार से जानते हैं. सांगली जिले में एक छोटा सा गांव है जिसका नाम है अंतराल. इस गांव की आबादी हजार या बारह सौ लोगों की है. यह सांगली जिले के नक्शे में एक छोटा सा गांव हैं. इसी गांव में रहते हैं काकासाहेब सावंत जो कि पेशे से किसान हैं. काकासाहेब का खेती-बाड़ी में बड़ा नाम है. तभी महाराष्ट्र सरकार के उद्यान पंडित जैसे सैकड़ों पुरस्कारों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. काकासाहेब सावंत ने 23 तरह के आमों की अलग-अलग वेरायटी एक ही पेड पर लगाई है. 

ये भी पढ़ें: Mandi Rates: केले का दुश्मन बना आम, बुरी तरह घट गए दाम, जान‍िए क‍िस मंडी में क‍ितना चल रहा है रेट

ग्राफ्टिंग से उगाई कई किस्में

काकासाहेब सावंत ने आम की 23 किस्मों को अपने बगीचे में लगे आम के पेड़ पर ग्राफ्टिंग कर विकसित किया है. इस पेड़ पर उन्होंने हापुस, केसर, नीलम, पायरी, मालगोबा, तोतापुरी जैसे कई पेड़ों की अलग-अलग टहनियों पर ग्राफ्टिंग की है. इससे एक ही पेड़ पर अलग-अलग तरह के 23 तरह के आम लगे हैं. अपने इस नए प्रयोग के बारे में काकासाहेब सावंत कहते हैं, शरद पवार जब महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब बाग लगाने की योजना लेकर आए थे. उस समय कई किसानों ने अपने खेतों में फलों के पेड़ लगाए थे. काकासाहेब सावंत ने भी अपने खेत में कई तरह के फलदार पेड़ लगाए. आज भी उनके खेतों में कई तरह के फलों के पेड़ लगे हैं. 

पेड़ का नाम रखा वनराज

एक प्रायोगिक किसान होने के नाते उन्होंने अपने फलों के पेड़ों पर कई तरह की कलमों का निर्माण किया है. ऐसा ही एक प्रयोग करते हुए उन्होंने एक आम के पेड़ पर आम की 23 किस्में रोपित की हैं. उनमें से हरेक टहनी पर अब अलग-अलग फल यानी आम की अलग किस्में लगती हैं. आज की तारीख में एक पेड़ पर 23 प्रकार के आम हैं. काकासाहेब सावंत ने इस पेड़ का नाम वनराज रखा है. आम की खेती के इतिहास में इस तरह का यह पहला प्रयोग है. 

ये भी पढ़ें: बंगाल से जून में शुरू हो जाएगा आम का निर्यात, मध्य पूर्व और यूरोप में भेजी जाएगी खेप

एक ही पेड़ पर कई तरह के आम

यह कहना गलत नहीं होगा कि काकासाहेब सावंत का यह आम का पेड़ हापुस, पायरी, केसर, तोतापुरी, मालगोबा जैसे अनेक प्रकार के आमों से पूरी तरह से भरा हुआ है. आम के पौधों के लिए काकासाहेब सावंत ने अपने खेत में ही नर्सरी बना ली है. तरह-तरह के प्रयोग के साथ-साथ वे इन पौधो को व्यावसायिक तौर पर भी बेचते हैं. इससे वे अच्छी कमाई कर लेते हैं. उन्होंने लौंग और दालचीनी जैसे मसालों की फसलों के पौधे भी तैयार किए हैं. उन्होंने कई फलों की फसलों जैसे आम, चना, अमरूद, अंगूर, संतरा और उनकी अलग-अलग किस्मों की सफलतापूर्वक खेती की है.