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मोटे अनाज का रकबा बढ़ने से दलहन फसलों पर खतरा! नए फसल चक्र का ट्रायल शुरू

मोटे अनाज का रकबा बढ़ने से दलहन फसलों पर खतरा! नए फसल चक्र का ट्रायल शुरू

मोटे अनाज को अब श्री अन्न का दर्जा दिया गया है. देश के कई राज्यों में श्री अन्न यानी मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है, लेक‍िन कृष‍ि वैज्ञान‍िक इसको लेकर च‍िंत‍ित हैं. वैज्ञान‍िकों का मानना है क‍ि श्री अन्न का रकबा बढ़ने का मतलब देश में दलहनी फसलों का उत्पादन कम होने से है.

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मोटे अनाज के लिए इस विश्वविद्यालय ने बनाया नया फसल चक्र मोटे अनाज के लिए इस विश्वविद्यालय ने बनाया नया फसल चक्र

भारत की पहल के बाद संयुक्त राष्ट्र (UNO) ने साल 2023 को इंटरनेशन ईयर ऑफ म‍िलेट घोष‍ित क‍िया है. इस बीच भारत में भी मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने पर काम शुरू हो गया है. देश की कई राज्य सरकारें भी मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को मुफ्त बीज बांटने की योजना बना रही हैं, लेकिन मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने की इन पहलों को लेकर कृषि वैज्ञानिक काफी चिंतित हैं. कृषि वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने की योजना के बीच में खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों जैसे मूंग, उड़द का उत्पादन प्रभावित हो सकता है.

अगर किसान खरीफ सीजन में मोटे अनाज की खेती का रकबा बढ़ता है तो स्वाभाविक है कि कुछ फसलों का रकबा घटेगा. कृषि वैज्ञानिकों को चिंता है कि किसान दलहन और मूंग की फसल कम कर मोटे अनाज की खेती करेंगे. जिससे दलहन का उत्पादन घटने की संभावना है. इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में दालों का उत्पादन कम ना हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देश पर कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने नया फसल चक्र विकसित किया है.

क्या है नया फसल चक्र ?

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने इस चुनौती से निपटने के लिए नया फसल चक्र तैयार किया है ताकि दालों का उत्पादन कम न हो. एक नया फसल चक्र मॉडल तैयार किया गया है. इस फसल चक्र के तहत खरीफ सीजन की जगह जायद सीजन में मूंग, उड़द और मक्का को शामिल किया गया. जिससे की दलहन का उत्पादन घटे नही .

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चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के प्रचार निदेशक डॉ.आरके यादव ने बताया कि इस बार विश्वविद्यालय के 15 कृषि  विज्ञान केन्द्र  में मूंग और उड़द की सीजन में 2-2 एकड़ में खेती की जाएगी. वहीं खरीफ सीजन में इस फीलड पर  सावा, मड़वा, कोदो और काकुन की खेती की जाएगी. उन्होंने कहा कि जायद सीजन में मूंग, उड़द की ऐसी किस्में उगाई जाएंगी, जिनमें गर्मी सहन करने की क्षमता हो। इससे इन फसलों के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.