देश के कृषि विकास में योगदान करने वाले और खेती को अपनी तकनीक अपनी खोज से आसान बनाने वाले इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को फंड देने के लिए सोशल अल्फा (Social Alpha) ने आवेदन मांगे हैं. वेंचर डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म सोशल अल्फा ने खेती को आसान बनाने वाले लोगों को चुनने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नीति आयोग के अधिकारियों के सहयोग से टेक्टोनॉनिक प्रोग्राम बनाया है. यह एक तरह का स्टार्टअप हंट प्रोग्राम है. इसमें शामिल होने के लिए कृषि और इससे जुड़े 7 क्षेत्रों के इनोवेटर्स, एंटरप्रेन्योर को स्टार्टअप्स को आवेदन के लिए कहा गया है.
सोशल अल्फा की ओर से बताया गया कि कृषि गतिविधियों को आसान बनाकर उपज बढ़ाने और क्वालिटी सुधार के साथ लागत घटाने के प्रयासों पर तेजी से काम किया जा रहा है. इस तरह के काम करने वालों का मार्गदर्शन करने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए नीति आयोग के अधिकारी और पूसा कृषि, आईसीएआर-आईएआरआई के सहयोग से टेक्टोनिक प्रोग्राम बनाया गया है, जो खेती, मिट्टी सुधार, जल प्रबंधन, कृषि मशीनीकरण और उससे आगे के क्षेत्रों में गेमचेंजिंग एग्रीटेक सॉल्यूशन के साथ इनोवेटर्स और एंटरप्रेन्योर्स को आमंत्रित कर रहा है.
कंपनी के बयान के अनुसार सोशल अल्फा के फाउंडर मनोज कुमार ने कहा कि हम एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जो उद्यमियों के लिए पूंजी तक पहुंच आसान बना सके. इससे प्रतिभाशाली प्रोफेशनल्स को सफल और आत्मनिर्भर बिजनेस मॉडल बनाने में आसानी हो सके. कंपनी के अनुसार कार्यक्रम का उद्देश्य खेती के लिए ऐसी नई तकनीकें तैयार करना है जो छोटे और सीमांत किसानों पर सकारात्मक प्रभाव डालें.
यह कार्यक्रम ऐसे इनोवेटर्स, एंटरप्रन्योर्स की तलाश कर रहा है जो ऐसी तकनीक और सॉल्यूशन पेश करें जो किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को हल कर दें. इसलिए कृषि और इससे जुड़े 7 क्षेत्रों में काम कर रहे लोग फंडिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. इच्छुक लोग 10 दिसंबर से पहले सोशल अल्पा (Social Alpha) की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
सोशल अल्फा ने कहा है कि आवेदन मिलने के बाद कई चरण का मूल्यांकन होगा और उसके बाद चुने जाने वाले इनोवेटर्स, एंटरप्रेन्योर्स और स्टार्टअप्स को पायलट शुरू करने में मदद मिलेगी. क्षेत्र के जुड़े संगठनों, कृषि विशेषज्ञों, कॉर्पोरेट और सरकारी निकायों से जोड़ा जाएगा. बाजार तक पहुंच के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके तहत उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, झारखंड समेत कई राज्यों टाटा ट्रस्ट, परमार्थ, TCL, GDS, PANI जैसे पार्टनर्स के जरिए 200,000 से अधिक किसानों और 150 FPO के नेटवर्क तक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी.
बिजनेस बढ़ाने के लिए मेंटरशिप की जाएगी और सोशल अल्फा लैब्स के जरिए शेयरिंग ऑफिस स्पेस मिलेगा. लैब इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोडक्ट डेवलपमेंट सपोर्ट के साथ ही डिजाइन, रैपिड प्रोटोटाइपिंग और मैन्यूफैक्चरिंग में मदद की जाएगी. इसके अलावा सोशल अल्फा की ओर से सीड फंडिंग के रूप में 1.5 करोड़ रुपेय तक दिए जाएंगे या फिर फंडिंग के लिए निवेशकों के नेटवर्क से जोड़ा जाएगा.
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