एग्रीकल्चर सेक्टर के इनोवटर्स, स्टार्टअप्स को फंडिंग और मेंटर करने के लिए वेंचर डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म सोशल अल्फा (Social Alpha) ने आवेदन मांगे हैं. सोशल अल्फा चयनित स्टार्टअप्स को 2 करोड़ रुपये तक की फंडिंग करेगी. इसके साथ ही मार्केट एक्सेस समेत कई तरह से उनका मार्गदर्शन भी करेगी. 10 दिसंबर तक आवेदन किए जा सकते हैं. कई दौर के मूल्यांकन के बाद चयनित स्टार्टअप्स की घोषणा 15 जनवरी से 31 जनवरी 2025 तक की जाएगी.
एग्रीकल्चर सेक्टर का वेंचर डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म Social Alpha की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी अब तक 300 से ज्यादा स्टार्टअप्स को फंड करने के साथ ही उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर चुका है. अब सोशल अल्फा ने एग्रीकल्चर स्टार्टअप्स के लिए नए कार्यक्रम 'टेक्टोनिक: इनोवेशन फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल लाइवलीहुड्स' की शुरुआत की गई है. कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि और ग्रामीण जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने वाले इनोवेशन को बढ़ावा देना है.
कंपनी के बयान के अनुसार सोशल अल्फा के फाउंडर मनोज कुमार ने कहा कि हम एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जो उद्यमियों के लिए पूंजी तक पहुंच आसान बना सके. इससे प्रतिभाशाली प्रोफेशनल्स को सफल और आत्मनिर्भर बिजनेस मॉडल बनाने में आसानी हो सके.
एग्रीकल्चर सेक्टर के इनोवेटर्स और स्टार्टअप जिनके पास इनोवेटित टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशन हैं. जो भारत के छोटे किसानों के जीवन में एक स्थायी और स्केलेबल प्रभाव पैदा करने की क्षमता है. आवेदकों के लिए कुछ मानक भी तय किए गए हैं, जिन्हें सोशल अल्फा की वेबसाइट www.socialalpha.org/techtonic-innovations-for-agriculture-and-rural-livelihoods/ पर देखा जा सकता है. एकीकृत खेती, मृदा प्रबंधन, जल प्रबंधन, कृषि मशीनीकरण, पशुपालन, कृषि अपशिष्ट प्रबंधन समेत अन्य कृषि से जुड़े क्षेत्र में इनोवेशन करने वाले स्टार्टअप्स आवेदन कर सकते हैं.
सोशल अल्फा इस कार्यक्रम के जरिए छोटे किसानों की समस्याओं का समाधान करने वाले इनोवटर्स और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना है. आवेदन करने के बाद मानकों पर खरा उतरने वाले 10 इनोवेटर्स या स्टार्टअप्स को 2 करोड़ रुपये की फंडिंग की जा सकती है और उन्हें अपने उद्देश्य को पूरा में मार्गदर्शन भी करेगा. स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन सपोर्ट, मेंटोरशिप, मार्केट एक्सेस और फाइनेंशियल सपोर्ट भी मिलेगा. इसके अलावा चयनित स्टार्टअप्स को एग्री बिजनेस और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स से मार्गदर्शन मिलेगा. जबकि, इन स्टार्टअप्स के इनोवेशन को 2 लाख किसानों और 150 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
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