सूरत में रहने वाले और पेशे से ऑटो गैरेज चलाने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग ने ऐसी तकनीक की खोज की है कि जिसके बारे में जानकार आपको भी हैरानी होगी. जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने. सूरत के रहने वाले पुरुषोत्तम भाई पिपलिया बिन बादल बरसात करवा सकते हैं. यह बात उन्होंने भारत सरकार से भी कही है. और ना सिर्फ़ बात कही है बल्कि बिन बादल बरसात करवाने को लेकर उन्होंने भारत सरकार से पेटेंट रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर लिया है.
दरअसल, सूरत के क़तारगाम इलाक़े में श्री राम ऑटो गैरेज है जिसका संचालन पिछले कई वर्षों से पुरुषोत्तम पिपलिया करते आ रहे हैं. पुरुषोत्तम पिपलिया की आज उम्र 65 साल है. कुछ वर्ष पहले उन्होंने पानी से चलने वाली कार का आविष्कार किया था और इस आविष्कार को उन्होंने अपनी ही कार में प्रयोग किया था. वर्षों बाद उन्होंने एक बार फिर से नया आविष्कार किया है और इस खोज के ज़रिये उन्होंने बिन बादल बरसात करवाने का दावा किया है. पुरुषोत्तम भाई ने अपने अविष्कार को लेकर भारत सरकार से पेटेंट रजिस्टर्ड प्रमाण पत्र भी हांसिल कर लिया है.
ये भी पढ़ें: Soil Scientist की नौकरी छोड़ कर रहे सहजन की पत्तियों की खेती, हर महीने हो रहा इतना मुनाफा
जनवरी 2023 में एनिमेशन वीडियो के ज़रिये उन्होंने भारत सरकार को बिना बादल बिना केमिकल का इस्तेमाल किए बरसात कैसे करवाई जा सकती है, यह बताते हुए पेटेंट रजिस्ट्रेशन के लिए पेटेंट कार्यालय में आवेदन दिया था. इसके बाद पेटेंट कार्यालय के अलग-अलग अधिकारियों द्वारा उनके आविष्कार को समझा गया था और उनका इंटरव्यू लिया गया था. इसके बाद पेटेंट कार्यालय ने 16 अक्टूबर 2024 को प्रमाण पत्र दे दिया है. इस प्रमाण पत्र पर आर्टिफ़िशियल रेन टेक्नोलॉजी प्रीवेंटिंग ग्लोबल वार्मिंग & कंट्रोलिंग पॉल्यूशन लिखा है.
मनमर्जी से बरसात करवाने के लिए पहले वाटर सेंटर बनाना पड़ेगा. उसके बाद ह्यूमिडिटी को कंडेंसिंह कर ऊपर कोल्ड एरिया में जाएगा और फिर बरसात बनकर बरसेगा. भारत सरकार को उन्होंने एनिमेशन वीडियो के ज़रिये बताया था कि वो बिन बादल आर्टिफ़िशल रेन करवा सकते हैं. इसके पीछे कुल दो से तीन करोड़ का खर्च होगा और उस वाटर सेंटर के आसपास दस किलो मीटर एरिया में बरसात करवा सकेंगे.
ये भी पढ़ें: गन्ना बुवाई की इस खास तकनीक से होगी ज्यादा कमाई, खत्म होगा पैसे का लंबा इंतजार
यह तकनीक आने वाले समय में बेहद कारगर साबित हो सकती है क्योंकि देश में बारिश की कमी बड़ी समस्या बनती जा रही है. कहीं अधिक बारिश तो कहीं सूखे की समस्या से लोग परेशान हैं. यहां तक कि गुजरात के कई इलाके भी सूखे से जूझते हैं जहां कृत्रिम बारिश कराकर किसानों को राहत दी जा सकती है. इसके अलावा, प्रदूषण जैसी समस्या से भी लोगों को निजात दिलाने के लिए कृत्रिम बारिश का सहारा लिया जा सकता है.(रिपोर्टर: संजय सिंह राठौड़)
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today