Israel के साथ मिलकर किसानों के लिए बेहतर बीज तैयार करेगा पंजाब, जानें पूरा प्‍लान 

Israel के साथ मिलकर किसानों के लिए बेहतर बीज तैयार करेगा पंजाब, जानें पूरा प्‍लान 

जहां तक इजरायल की सीड टेक्नोलॉजी का सवाल है, देश इस क्षेत्र में ग्‍लोबल लेवल पर लीडर माना जाता है. इजरायल क्लाइमेट-रेजिलिएंट बीज, हाई-यील्ड हाइब्रिड वैरायटीज, कम पानी में बेहतर उत्पादन देने वाले बीज और ड्रिप सिंचाई से जुड़े सीड सॉल्यूशंस पर काम कर रहा है. वहां बीजों को खास तौर पर सूखा, गर्मी और मिट्टी की बदलती परिस्थितियों के अनुरूप विकसित किया जाता है.

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Israel के साथ मिलकर किसानों के लिए बेहतर बीज तैयार करेगा पंजाब, जानें पूरा प्‍लान 

भारत और इजरायल के बीच कृषि सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है. वॉटर कंजरवेशन, एडवांस्‍ड इरीगेशन, हाई-टेक खेती और बेहतर बीज विकास जैसे क्षेत्रों में इजरायल की टेक्नोलॉजी भारत के लिए लंबे समय से अहम रही है. अब इसी साझेदारी को और आगे बढ़ाते हुए पंजाब सरकार भी इजरायल के साथ रणनीतिक कृषि सहयोग पर विचार कर रही है, ताकि राज्य में बीजों की गुणवत्ता सुधारी जा सके और लेटेस्ट एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी को खेती से जोड़ा जा सके. इसी कड़ी में सोमवार को पंजाब भवन में कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियन और इजरायल दूतावास के मिशन के उप प्रमुख, मंत्री फारेस साएब के बीच एक अहम बैठक हुई. 

क्‍या था मीटिंग का मकसद 

खुंदियान ने एक प्रेस नोट में बताया कि इस संभावित सहयोग का मुख्य फोकस इजरायल को खाद्यान्न बीजों का निर्यात, पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU), लुधियाना और इजरायली संस्थानों के बीच एकेडमिक एक्सचेंज, खट्टे फलों के रूटस्टॉक का आदान-प्रदान और एडवांस्ड वॉटर-मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी को अपनाने पर होगा. इसका मकसद पंजाब की कृषि को अधिक टिकाऊ, उत्पादक और जल-सक्षम बनाना है. बैठक में दोनों पक्षों ने बेहतर बीज विकसित करने, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने और शिक्षा में सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की.

N Drip System पर भी बात 

मीटिंग में चर्चा का एक अहम विषय इजरायल की सटीक 'एन-ड्रिप' सिंचाई प्रणाली भी रहा. यह तकनीक खेती में 70 प्रतिशत तक पानी की बचत करने में सक्षम मानी जाती है, साथ ही इससे ऊर्जा की खपत में भी उल्लेखनीय कमी आती है. पंजाब जैसे राज्य के लिए, जहां भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, यह तकनीक बेहद उपयोगी साबित हो सकती है. इसके अलावा राज्य में सिंचाई के लिए सीवेज और गांवों के तालाबों के वॉटर ट्रीटमेंट और री-यूज पर भी विचार किया गया. 

इजरायल के मॉडल का हवाला 

इजरायल के मॉडल का हवाला देते हुए बताया गया कि वहां करीब 95 फीसदी ट्रीटेड वेस्ट वॉटर का उपयोग कृषि कार्यों में किया जाता है. पंजाब सरकार इस अनुभव से सीख लेकर अपने जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में कदम उठाना चाहती है. खुंदियान ने कहा, 'यह गठबंधन पंजाब के किसान समुदाय के लिए एक दूरदर्शी कदम होगा. यह इज़राइली इनोवेशन को हमारी कृषि ताकत के साथ मिलाएगा.' उनका मानना है कि इस तरह की साझेदारी से किसानों की आय बढ़ाने और खेती की लागत घटाने में मदद मिलेगी. 

क्‍या है इजरायल की खासियत 

जहां तक इजरायल की सीड टेक्नोलॉजी का सवाल है, देश इस क्षेत्र में ग्‍लोबल लेवल पर लीडर माना जाता है. इजरायल क्लाइमेट-रेजिलिएंट बीज, हाई-यील्ड हाइब्रिड वैरायटीज, कम पानी में बेहतर उत्पादन देने वाले बीज और ड्रिप सिंचाई से जुड़े सीड सॉल्यूशंस पर काम कर रहा है. वहां बीजों को खास तौर पर सूखा, गर्मी और मिट्टी की बदलती परिस्थितियों के अनुरूप विकसित किया जाता है. यही वजह है कि इजरायली बीज तकनीक भारतीय कृषि के लिए भी बेहद उपयोगी मानी जा रही है.

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