किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या भंडारण यानी स्टोरेज की होती है. देश में करोड़ों रुपये का कच्चा माल (फल और सब्जियां) इसलिए बर्बाद हो जाता है क्योंकि उसे रखने का कोई साधन नहीं होता. खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां किसान खेती करना और उसे जल्दी में बेचना जानता है. उसे अगर कच्चे माल को एक-दो दिन रखना पड़ जाए तो उसके सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाती है. ऐसे ही ग्रामीण इलाके के किसानों के लिए एक कारगर तकनीक इजाद की गई है. इस तकनीक का नाम है सब्जी कोठी जो एक तरह का कोल्ड स्टोरेज है. आइए इस नई तकनीक के बारे में जानते हैं.
सब्जी कोठी नाम के पीछे भी एक वजह है. दरअसल कोठी उस पात्र को कहते हैं जिसमें किसी चीज को सुरक्षित रखा जा सके. इसी नाम से प्रेरित होकर बिहार के भागलपुर के निक्की कुमार झा ने सब्जी कोठी का निर्माण किया है. निक्की ने इसी नाम से एक स्टार्टअप भी शुरू किया है जिससे किसानों को मदद मिल रही है. उनकी बनाई इस नई तकनीक से किसानों को फायदा हो रहा है क्योंकि सब्जी सुरक्षित रखने की टेंशन दूर हो रही है. खास बात ये है कि इस चलते-फिरते कोल्ड स्टोरेज को चलाने के लिए किसी बिजली की जरूरत नहीं है. इसे बैटरी से ऑपरेट किया जाता है.
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सब्जी या फलों को सुरक्षित रखने के लिए हम अब तक बड़े-बड़े कोल्ड स्टोरेज देखते आए हैं. कोल्ड स्टोरेज न हों तो बड़े-बड़े फ्रिज और रेफ्रीजरेटर होते हैं. लेकिन अफसोस की बात कि छोटे किसान इसका खर्च नहीं उठा सकते. अगर कोई छोटा फ्रिज खरीद भी ले तो उसे इधर-उधर नहीं ले जा सकते. इसमें कुछ देर तक सब्जियों को सुरक्षित रखा जा सकेगा, मगर बाद में फिर वही हाल हो जाएगा. इन सभी समस्याओं पर गौर करते हुए निक्की झा ने एक चलता-फिरता यानी कि पोर्टेबल कोल्ड स्टोरेज बनाया है जिसका नाम है सब्जी कोठी.
निक्की झा बताते हैं कि अभी पूरे देश में 3000 से अधिक सब्जी कोठी इस्तेमाल हो रही है. इससे किसानों को फायदा हुआ है और उनकी लाखों रुपये की उपज सड़ने-गलने से बच गई है. किसान इस सब्जी कोठी में अपना कच्चा माल रखकर खेत-खलिहान से सीधा बाजार तक ले जा सकते हैं. सब्जी अगर नहीं बिक पाई तो उसी कोठी में छोड़ सकते हैं, फिर अगले दिन बेच सकते हैं. इस तरह किसान इस कोठी में 5-7 दिन तक सब्जियों को ताजा रख सकते हैं. सबसे अच्छी बात कि यह सब्जी कोठी बेहद किफायती है जिसे कोई भी किसान खरीद और इस्तेमाल कर सकता है.
निक्की कुमार झा ने 'किसान तक' को बताया कि वे 200 किलो से लेकर 3000 किलो तक स्टोरेज की कोठी बनाते हैं. सबसे छोटी यूनिट 200 किलो के लिए है जिसका दाम 15500 रुपये है और सबसे बड़ी यूनिट 3000 किलो सब्जियों के स्टोरेज के लिए है जिसका दाम 6 लाख रुपये रखा गया है. यानी छोटे किसान से लेकर बड़े स्तर पर सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए यह चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज तैयार किया गया है. इसे बनाने वाले निक्की कुमार झा आईआईटी से पढ़े हुए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी तारीफ कर चुके हैं.
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