खेती-बाड़ी के दौरान मौसम के बाद किसानों को फसलों के खराब और नुकसान होने का सबसे ज्यादा डर जंगली जानवरों से रहता है. जंगली जानवरों और किसानों का संघर्ष सदियों से चलता आ रहा है. जंगली जानवरों में बंदर और नीलगाय और अलग-अलग तरह पक्षी कभी-कभी खेतों में खड़ी पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है. वहीं किसान अपनी फसलों को इन जंगली जानवरों से बचाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं. हालांकि, कई तरीके किसानों के लिए महंगे होते हैं और कई तरीकों पर किसान ज्यादा दिन तक निर्भर नहीं रह पाते हैं. इन्हीं सब समस्याओं से जूझते हुए कर्नाटक के एक किसान ने कमाल का जुगाड़ ढूंढा है. दक्षिण कन्नड़ के पचिनाडका के निवासी नेल्सन डिसूजा चावल की खेती करते हैं और काफी समय से बंदर और पक्षियों से परेशान थे.
नेल्सन डिसूजा पिछले कुछ समय से लगातार अपनी फसल पर पक्षियों के साथ-साथ बंदरों का हमला झेल रहे हैं. नेल्सन परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती चावल की फसल की सुरक्षा करना था, क्योंकि जब भी फसल कटाई के करीब आती थी उस समय पक्षी और बंदर मिलकर फसलों को नष्ट कर देते थे. इसको लेकर नेल्सन ने एक बढ़िया समाधान निकाला जिसमें उन्होंने अपने खेत में धमाका किया यानी वह अब अपने खेतों में तेज धमाके करने और पक्षियों और बंदरों को डराने के लिए पटाखों का उपयोग करते हैं.
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नेल्सन डिसूजा आधा इंच मुड़े हुए लोहे के पाइप के एक तरफ एक अतिरिक्त पटाखा रखते हैं और उसमें आग लगा देते हैं. जैसे ही वह खेतों में घूमता है और घुसपैठ का कोई संकेत दिखता है, तो वह पटाखा फोड़ देते हैं. पाइप के दूसरी ओर से आने वाली तेज आवाज से फसल बर्बाद करने वाले पशु-पक्षी चौंक जाते हैं और तुरंत भाग जाते हैं. वह महज 50 रुपये की लोहे की पाइप बेंड और उसमें एक रुपये का अतिरिक्त पटाखा डालकर अपनी फसलों की सफलतापूर्वक रक्षा करते हैं.
यह जुगाड़ उनके लिए काफी प्रभावी साबित हो रही है और इस जुगाड़ में उनके पैसे भी बच रहे हैं. इस सफल जुगाड़ के बाद नेल्सन ने अपने दोस्तों को भी सलाह दी है कि वे अपने खेतों को आवारा जानवरों और पक्षियों से बचाने के लिए इस तकनीक का उपयोग करें.
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