IIT रुड़की ने खोजी जबरदस्त तकनीक, अब फल-सब्जियां 21 दिनों तक रहेंगी ताजा

IIT रुड़की ने खोजी जबरदस्त तकनीक, अब फल-सब्जियां 21 दिनों तक रहेंगी ताजा

IIT रुड़की के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी जबरदस्त तकनीक विकसित की है जो फल और सब्जियों को 21 दिनों तक ताजा बनाए रखेगी इस तकनीक का नाम नेचुरल क्ले बेस्ड स्कैवेंजर है और मजे की बात यह है कि ये तकनीक पूरी तरह से प्राकृतिक है.

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IIT रुड़की ने खोजी जबरदस्त तकनीक, अब फल-सब्जियां 21 दिनों तक रहेंगी ताजाIIT रुड़की ने खोजी जबरदस्त तकनीक

भारत दुनिया में ताजा फल और सब्जियों का उत्पादन करने वाला दूसरा बड़ा देश है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो फल और सब्जियां आप खरीदते हैं, उनमें से आधे से ज़्यादा हमारे थालियों तक पहुंचने से पहले ही सड़ जाते हैं? आंकड़ों की मानें तो भारत में हर साल लगभग 40 फीसदी से ज्यादा फल और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं. यानी मेहनत, पैसा और पोषण तीनों की बर्बादी! लेकिन अब इस समस्या का हल मिल गया है और वो भी बिल्कुल देसी अंदाज में. दरअसल, IIT रुड़की के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी जबरदस्त तकनीक विकसित की है जो फल और सब्जियों को 21 दिनों तक ताजा बनाए रखेगी इस तकनीक का नाम नेचुरल क्ले बेस्ड स्कैवेंजर है और मजे की बात यह है कि ये तकनीक पूरी तरह से प्राकृतिक है.

जानिए क्या है ये क्ले स्कैवेंजर?

यह कोई आम मिट्टी नहीं है! पेपर टेक्नोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कीर्तिराज के. गायकवाड़ और उनकी टीम ने दो साल की मेहनत से इस खास तरह की प्राकृतिक ‘क्ले’ बनाई है जो फलों और सब्जियों पर एक सुरक्षात्मक परत बना देती है. ये परत बाहर की हवा से फलों में मौजूद एथिलीन गैस के संपर्क को रोक देती है. एथिलीन वही गैस है जिससे फल जल्दी पकते हैं और फिर सड़ जाते हैं. वहीं, इससे फलों और सब्जियों की शेल्फ लाइफ 30 से 50 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है.

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21 दिन ताजे रहेंगे फल और सब्जी

टीम ने बताया कि इस स्कैवेंजर का प्रयोग करने के बाद फलों की शेल्फ लाइफ लगभग 21 दिन तक बढ़ गई. यानी अगर आम परिस्थितियों में कोई फल 7 दिन ताजा रहता है, तो अब वह 10 से 12 दिनों तक और बिना सड़े सुरक्षित रहेगा. कुछ मामलों में तो यह अवधि और भी ज्यादा देखी गई. यह तकनीक न केवल फलों को ताजा रखने में मदद करती है, बल्कि उसके पोषक तत्व भी सुरक्षित रखती है.

वैज्ञानिकों को मिला पेटेंट और मान्यता

इस इनोवेशन का पेटेंट हाल ही में मिला है और सबसे बड़ी बात फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से भी इसे मंजूरी मिल चुकी है. यानी यह तकनीक सुरक्षित, प्रभावी और कमर्शियल उपयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है. इसकी मदद से किसान अपनी फसल को ज्यादा समय तक खराब होने से बचा पाएंगे. इसके अलावा, व्यापारी इसे दूर-दराज के बाजारों तक ले जा सकेंगे. ऐसे में आम ग्राहक तक बेहतर क्वालिटी और पोषण वाले फल-सब्जियां पहुंच सकेंगी. रिटेल मार्केट में सप्लाई की निरंतरता बनी रहेगी और महंगाई पर भी लगाम लगेगी.

फल-सब्जियों की नहीं होगी बर्बादी

बता दें कि दुनियाभर में हर साल करीब 5 करोड़ टन फल और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं.  ये आंकड़ा न सिर्फ आर्थिक नुकसान दिखाता है, बल्कि यह पर्यावरण और खाद्य संकट की भी झलक देता है. IIT रुड़की की यह खोज उस संकट से निपटने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है. आजकल बाजार में जो फल और सब्जियां लंबे समय तक ताजगी से भरपूर दिखते हैं, वे अक्सर केमिकल कोटिंग की वजह से होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. लेकिन IIT रुड़की की यह नैचुरल क्ले कोटिंग पूरी तरह से सुरक्षित है और इससे आपको वही ताजगी, वो भी बिना साइड इफेक्ट्स के मिलेगी.

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