आलू सब्जियों का राजा है. यह एक ऐसी सब्जी है जिसे कई तरह की रेसिपी बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है. आलू जड़ वाली फसल है. फसल तैयार होने के बाद आलू की समय से खुदाई करना बहुत ही जरूरी है अन्यथा यह खराब हो सकता है. कई बार बरसात और ओले गिरने का भी डर बना होता है. इसलिए आलू की खुदाई का काम समय रहते पूरा हो जाना चाहिए, जिससे कि रखरखाव ठीक प्रकार से हो सके. आलू की खुदाई एक मुश्किल भरा काम है, खासकर तब जब आलू की खुदाई खुरपी या फावड़े से करनी पड़े. खुरपी या फावड़े से आलू की खुदाई करने में तकरीबन 10 फीसदी तक आलू कट भी जाता है, जिस से किसानों को काफी नुकसान भी होता है. उसका सही दाम नहीं मिलता. लेकिन इससे भी आगे बढ़कर अगर आप इसकी ग्रेडिंग करते हैं तो अच्छा दाम मिल सकता है.
खुरपी या फावड़े से खुदाई करने पर किसानों को मजदूरी भी अधिक देनी पड़ती है और आलू कट भी जाता है. उस कटे आलू को अलग करिए और उसकी ग्रेडिंग कर दीजिए. एक दम छोटा आलू अलग और बड़ा आलू अलग कर दीजिए. ग्रेडिंग से आपको अच्छा दाम मिल जाएगा और पुराने नुकसान की भरपाई हो जाएगी. मशीन का उपयोग करके आप ग्रेडिंग का अपना खर्च बचा सकते हैं.
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ग्रेडिंग एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है. ग्रेडिंग वाले आलू का बाजार में अपेक्षाकृत अच्छा दाम मिल जाता है. विभिन्न प्रकार के जालीनुमा ग्रेडर उपलब्ध हैं, जिनसे आलू की ग्रेडिंग की जा सकती है. रबड़ बैल्ट की जालीनुमा ग्रेडर बहुत ही प्रचलित उपकरण है, जिस में रबड़ बैल्ट पर अलग-अलग आकार के गड्ढे बने होते हैं, जिस से आलू आकार के अनुसार वर्गीकृत किए जाते हैं. ध्यान रहे कि ग्रेडिंग से पहले आलू के ढेरों को अच्छी तरह ढक कर 15-20 दिनों के लिए रखा जाना जरूरी है. इस से छिलका पक जाता है और ग्रेडिंग के समय आलू छिलने से नुकसान नहीं होता. यह मशीन एक घंटे में तकरीबन 40-60 क्विटल आलू की ग्रेडिंग कर सकती है.
मजदूरों द्वारा छंटाई करने पर ज्यादा समय लगता है. बीज के लिए अलग, बाजार के लिए अलग और स्टोरेज के लिए अलग आलू की छंटाई करनी होती है. अगर हम आलू के ढेर को ज्यादा समय तक खेत में खुला छोड़ देंगे, तो उन पर सूरज की रोशनी पड़ने से वे हरे हो जाते हैं, इसलिए आलू के ढेर को कपड़े, टाट या बोरी से ढक देना चाहिए, जिस से हवा तो पास हो, लेकिन धूप न लगे. हवा लगने के बाद जब आलू की मिट्टी सूख जाए, तो उन की छंटाई करनी चाहिए. बड़े, मध्यम व छोटे आलू को बाजार में भेज दिया जाता है. बीज के लिए मध्यम आकार के आलू ठीक रहते हैं. उन्हें अगले साल के बीज के लिए कोल्ड स्टोर में रख लिया जाता है.
आलू छंटाई मशीन को ट्रैक्टर से जोड़ कर एक जगह से दूसरी जगह तक आसानी से ले जाया जा सकता है. आलू छंटाई मशीन के काम करने की क्षमता 40 से 50 क्विटल प्रति घंटा है. यह मशीन आलू की 4 साइजों में छंटाई करती है. पहले भाग में 20 से 35 मिलीमीटर, दूसरे भाग में 35 से 45 मिलीमीटर, तीसरे भाग में 45 से 55 मिलीमीटर और चौथे व आखिरी भाग में सब से बड़े आकार के आलू छंटते हैं.
इस मशीन की खास बात यह है कि ग्रेडिंग करते समय आलू को किसी तरह का नुकसान नहीं होता. जैसा आलू डालोगे, वैसा ही निकलेगा. आलू छंटाई के दौरान ही सीधे बोरे में भरा जाता है. बोरों को मशीन से लगा दिया जाता है, जिसकी सुविधा मशीन में की गई है.
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