देश के किसानों को जैविक खेती के साथ ही नए तकनीक के साथ खेती करने के लिए जागरूक किया जाता रहा है. लेकिन कई किसान ऐसे हैं जो नई तकनीक से खेती करने में या तो असमर्थ हैं या उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. ऐसे ही किसानों के लिए भीलवाड़ा शहर के 12वीं क्लास के छात्र मयंक ने खेती में नवाचार के लिए एक अनूठा मॉडल बनाया है. छात्र ने अपने किसान नाना की पीड़ा समझते हुए इस मॉडल की तैयारी की है. इस मॉडल की तारीफ जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी कर रहे हैं.
मॉडल बनाने वाले छात्र ने कहा कि अगर देश का किसान जैविक तरीके से खेती करे, तो अच्छा लाभ कमा सकता है. देश के किसान को जैविक खेती के लिए जागरूक करने की जरूरत है. अगर किसान जागरूक होगा तो भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. दरअसल कम जमीन में अधिक उपज लेने वाला मॉडल भीलवाड़ा शहर के राजेंद्र मार्ग सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले मंयक ने बनाया है.
स्कूल लैब में इन छात्रों को प्रोत्साहित करने वाले शिक्षक अरुण शर्मा ने कहा कि देश में किसान मौजूदा समय में कम पानी में खेती कर रहे हैं. उसको और बेहतर बना सकें, इसे लेकर एक मॉडल बनाया गया है. वर्तमान में किसान पुरानी तकनीक से खेती कर फायदा ले रहे हैं. वहीं अगर नई तकनीक के साथ खेती करें, तो किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसान को मॉडल के जरिए सिंचाई, फसल में नमी, सोलर सिस्टम, जैविक खेती के प्रति नवाचार और मुर्गी पालन के वेस्ट को किस तरह उपयोग में ले सकें, उसके बारे में छात्र ने अपने मॉडल में बताया है.
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वहीं मॉडल बनाने वाले छात्र मयंक ने इस मॉडल बनाने के पीछे की कहानी बताई. छात्र ने कहा कि वो ननिहाल गया था. इस दौरान खेत पर कृषि कार्य के दौरान नाना की तकलीफ देखी. तब उसने भारत के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए एक मॉडल बनाने का मन में विचार किया. जहां उसने शिक्षकों के मार्गदर्शन से आधुनिक नवाचार के साथ किसान किस तरह अपने खलिहान में खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकें, इसके लिए मॉडल बनाया है. मॉडल में किसान खलिहान में बिजली मोटर बंद करने, चालू करने सहित खेत में सिंचाई के लिए कई बार परेशान होते हैं. ऐसी ही परेशानियों को देखते हुए छात्र ने ये मॉडल बनाया है.
मॉडल में एक खेत का स्वरूप दिया गया है. इसमें सबसे पहले सोलर सिस्टम बनाया गया है. उसके बाद सेंसर लगाए गए हैं जिससे फसल में नमी की मात्रा का पता लग सके. वहीं इस कम जगह का अच्छा उपयोग लेने के लिए नीचे मछली पालन और ऊपर मुर्गी पालन के साथ ही केमिकल खेती से दूर रहने के साथ ही जैविक खेती की ओर बढ़ावा भी इस मॉडल में दिखाया गया है.
छात्र ने कहा कि जैविक खेती से जो फसल उत्पादन होता है, उसका मानव जीवन में काफी लाभ होता है. जबकि केमिकल खेती से उत्पादित फसलों से स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. वहीं किसानों को भी यह पता नहीं है कि जैविक खेती से लगातार लाभ मिलता है. जबकि केमिकल की खेती से थोड़े समय के लिए ज्यादा मुनाफा मिलता है. ऐसे में अब देश के किसानों को जैविक खेती के प्रति और जागरूक करने की जरूरत है. इसलिए ये मॉडल बनाकर देश के किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं.
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