Chandrayaan 3: लॉन्चिंग टीम का हिस्सा बन किसान के बेटे धर्मेंद्र ने रचा इतिहास, पढ़ें कैसे संघर्ष से लिखी सफलता की कहानी

Chandrayaan 3: लॉन्चिंग टीम का हिस्सा बन किसान के बेटे धर्मेंद्र ने रचा इतिहास, पढ़ें कैसे संघर्ष से लिखी सफलता की कहानी

राहुल बताते हैं कि दो महीने पहले मेरे बड़े भाई धर्मेंद्र प्रताप यादव गांव आए थे, दरअसल मेरे मामा जी के बेटे की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी. लेकिन वो 24 घंटे भी गांव में नहीं रुके और वापस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) श्रीहरीकोटा, आंध्र प्रदेश लौट गए थे.

Advertisement
Chandrayaan 3: लॉन्चिंग टीम का हिस्सा बन किसान के बेटे धर्मेंद्र ने रचा इतिहास, पढ़ें कैसे संघर्ष से लिखी सफलता की कहानीधर्मेंद्र को चांद के लिए सैटेलाइट ट्रैकिंग करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी.

Chandrayaan 3 Landing Success Story: चंद्रयान 3 की सफल उड़ान का फिरोजाबाद (Firozabad) से भी खास कनेक्शन हैं. फिरोजाबाद जनपद के टूंडला कस्बे में एक छोटे से गांव टीकरी के रहने वाले किसान के बेटे धर्मेंद्र प्रताप यादव लॉन्चिंग टीम में शामिल थे. धर्मेंद्र के पिता शंभूदयाल यादव पेशे से किसानी करते है.चंद्रयान 3 टीम के हिस्से के रूप में धर्मेंद्र प्रताप यादव को चांद के लिए सैटेलाइट ट्रैकिंग करने (Transmitting signals) की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी.

किसान तक से खास बातचीत में वैज्ञानिक धर्मेंद्र प्रताप यादव के छोटे भाई राहुल यादव ने बताया कि आज सबसे खुशी का दिन हम लोगों के लिए था, क्योंकि जो सपना मेरे बड़े भाई ने देखा था वो आज पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि सुबह से हम लोग और पूरे गांव वाले हवन पूजन कर रहे थे, हालांकि जैसे ही चंद्रयान 3 पर सफल लैंडिंग हुई वैसे ही गांव में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. राहुल ने कहा कि मेरे पिता जी खेती बाड़ी करते हैं, हम लोगों ने पूरे गांव में मिठाई बांटी है, गांव टीकरी के प्राइमरी स्कूल के बच्चों के साथ हम लोगों ने आज अपनी खुशी साझा की.

उन्होंने कहा कि गांव के प्रधान ने मेरे पिता जी का सम्मान किया. धर्मेंद्र के बारे में बताते हुए राहुल ने बताया कि शुरू से ही वो पढ़ने में बेहद होशियार थे. उन्होंने आगरा आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की, उस समय सेमिनार में शामिल होने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आए थे, उन्होंने सभी बच्चों से कहा था, आप लोग भी साइंटिस्ट बन सकते है, कलाम साहब की बात से प्रभावित होकर धर्मेंद्र ने वैज्ञानिक बनने की निर्णय लिया था.

धर्मेंद्र के पिता का नाम शंभूदयाल यादव और मां का नाम कमला है, पिता पेशे से किसान है.
धर्मेंद्र के पिता का नाम शंभूदयाल यादव और मां का नाम कमला है, पिता पेशे से किसान है.

राहुल बताते हैं कि दो महीने पहले मेरे बड़े भाई धर्मेंद्र प्रताप यादव गांव आए थे, दरअसल मेरे मामा जी के बेटे की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी. लेकिन वो 24 घंटे भी गांव में नहीं रुके और वापस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) श्रीहरीकोटा, आंध्र प्रदेश लौट गए थे. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद परिवार वालों की धर्मेंद्र से बात व्हाट्सएप पर हुई, उन्होंने इतना ही कहा कि पूरे गांव के हर घर में मिठाई बांटना. उनसे ज्यादा देर बात नहीं हो पाई, वो बहुत बिजी थे. 

यह भी पढ़ें- इस साल चावल खरीद बढ़ाएगी सरकार लेक‍िन गेहूं आयात करने की नहीं है कोई योजना

बता दें कि वैज्ञानिक धर्मेंद्र ने लॉर्ड ऋषभ टूंडला से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी. उसके बाद ब्रजराज सिंह इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद आगरा आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक और एनआईटी जालंधर से 2010 में एमटेक किया था. इसके बाद उनकी नियुक्ति इसरो में वर्ष 2011 में विज्ञानी के पद पर हुई थी. उन्होंने 5वीं रैंक आल इंडिया में हासिल की. 

धर्मेंद्र यादव के छोटे भाई उपेंद्र यादव एनआईटी जालंधर से एमटेक कर रहे. वैज्ञानिक धर्मेंद्र तीन भाई बहन है एक भाई उपेंद्र यादव व बहन दीपिका की शादी हो चुकी है. पिता शंभूदयाल किसान हैं और मां कमला देवी गृहणी हैं.

'चंद्रयान-3' की सफलता स्वर्णिम युग का आरंभ: CM योगी 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'चंद्रयान-3 की सफलता को भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के स्वर्णिम युग का आरंभ कहा है. बुधवार को मिशन की सफलता के बाद अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजनरी नेतृत्व में 'वसुधैव कुटुम्बकम' के भाव के साथ अर्जित इस उपलब्धि के लिए इसरो की टीम का हार्दिक अभिनंदन है. 

 

POST A COMMENT