Farm Machinery: संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कृषि में महिलाओं का योगदान करीबन 32 फीसदी है. लेकिन, ये आज भी जब किसानों की बात आती है तो पुरुषों को ही किसान के रूप में देखा जाता है. घर-दफ्तर हो या फिर खेत, महिलाओं की भूमिका हर जगह अब पुरुषों के बराबर होती जा रही है. खेतों में फसल बोने से लेकर कटाई तक के कामों में महिलाएं पुरुषों का साथ देती आ रही हैं. ऐसे में महिलाओं की चुनौती को कम करने और खेतों में आसानी से काम करने के लिए स्मार्ट कृषि यंत्र को तैयार किया गया है ताकि महिलाएं आसानी से खेतों में काम कर सकें. क्या है पूरी खबर आइये जानते हैं:
महिलाओं को ना केवल खेतों में बल्कि घर का भी काम करना पड़ता है. खाना बनाने से लेकर साफ-सफाई, बच्चों की देखभाल और अन्य घरेलू काम में महिलाओं की भूमिका सबसे अधिक है. वहीं आज भी खेतों में पारंपरिक तरीकों से हो रही खेती में अधिक मेहनत और समय दोनों लग जाता है. महिलाओं की बात करें तो इन्हे आज भी खेतों का काम हाथ से ही करना पड़ता है. इसका मुख्य कारण कृषि यंत्र का (Farm Machinery) आकार और वजन है.
महिलाएं भारी और बड़े आकार वाले सामानों को उठाने और चलाने में कहीं ना कहीं असमर्थ होती हैं, जिस वजह से उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है. साथ ही जो काम घंटों में हो जाता है उस काम के लिए उन्हें पूरा दिन लग जाता है. इन तमाम चुनौतियों और परेशानियों को देखते हुए अब महिलाओं के लिए भी स्मार्ट कृषि यंत्र लाया गया है ताकि महिलाएं भी आसानी से अपने कृषि कार्यों को पूरा कर सकें. इसी कड़ी में आज हम आपको बताएं उन स्मार्ट कृषि यंत्र के बारे में जो खास कर महिलाओं के लिए तैयार किया गया है.
बुवाई के समय हाथों से बीजों को छिड़कने के चलते खेत में बीजों की भी खपत ज्यादा होती है और इस वजह से पैदावार भी ज्यादा नहीं मिल पाती है. बीज एक साथ एक ही जगह पर ज्यादा होने के कारण पैदावार में कमी आती है. वहीं अगर बीजों को एक कतार में लगाया जाए तो समय भी कम लगेगा और पैदावार भी बढ़ेगी. यह काम अगर हाथ से किया जाए तो 2-3 दिन का समय लग जाएगा, लेकिन हस्तचालित बीज बुवाई यंत्र यानी मिनी सीड ड्रिल मशीन का इस्तेमाल कर महिलाएं यही काम आसानी से कम समय में कर सकती हैं. इस मशीन के जरिए गेहूं से लेकर सोयाबीन, मक्का, चना, और अरहर के बीजों की कतारों की बुवाई कर सकते हैं. यह मशीन बाजारों में उपलब्ध है.
कई राज्यों मे धान की खेती सालभर की जाती है.धान की खेती में काफी लंबा समय लग जाता है. यह हम सब जानते हैं. यह काफी मेहनत वाला काम होता है, जिसे महिलाएं पूरा करती है. घंटों तक पानी में खड़ा होने की वजह से घुटने और कमर की समस्या उन्हें परेशान कर देती है. ऐसे में धान की रोपाई को आसान बनाने के लिए भी बाजार में बेहद सस्ता पैडी ट्रांसप्लांटर उपलब्ध है, जो कतारों में चटाई की तरह धान की रोपाई कर देती है.
हंसिया के बारे में सबने कहीं न कहीं देखा या सुना होगा. कृषि कार्यों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला यंत्र है. फसल की कटाई हो या खरपतवार हटाना हो, महिलाएं ज़्यादातर हंसिया का इस्तेमाल करती हैं. जमीन पर घंटों बैठकर हंसिया से फसल की कटाई करना भी अपने आप में बड़ा चुनौतीपूर्ण काम है. लेकिन, अब ये काम महिलाएं आसानी से बिना किसी परेशानी के कर सकती हैं. हाल ही में ICAR-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने उन्नत दांतेदार हंसिया यानी सिकल विकसित किया है, जो गेहूं से लेकर सोयाबीन, धान, चना, सरसों और घास आदि पतले डंठल वाली फसलों की कटाई आसानी से कर देता है और इसका वजन भी मात्र 180 ग्राम है.
भारत की बात करें तो भारत दूसरा बड़ा गन्ना उत्पादक देश है. यहां गन्ना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, लेकिन ज्यादातर किसान आज भी पारंपरिक तरीकों से गन्ना की खेती कर लाखों का उत्पादन ले रहे हैं. इस काम को कम समय में और आसानी से करने के लिए गन्ना बड चिपर बाजार में मौजूद है, जो घंटे भर में गन्ना की 100 से भी ज्यादा बड निकालने में मदद करता है. इससे गन्ना की बर्बादी भी नहीं होती और अपनी आवश्यकतानुसार मोटे या पतले गन्ने की बड निकाल सकते हैं.
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