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Agricultural Research: सड़क की तुलना में कृषि रिसर्च में निवेश से मिलता है 10 गुना लाभ, समझिए कैसे

Agricultural Research: सड़क की तुलना में कृषि रिसर्च में निवेश से मिलता है 10 गुना लाभ, समझिए कैसे

भारत में कृषि विकास और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि रिसर्च में निवेश का अहम योगदान है. एक अध्ययन के अनुसार शहर और गांवों को जोड़ने वाली सड़कों की तुलना में, कृषि रिसर्च में निवेश से मिलने वाला लाभ बहुत अधिक होता है. फिर भी इसमें कमी हो रही है. एक आंकड़े के मुताबिक, एक रुपया कृषि रिसर्च पर निवेश करने पर 13.85 के कृषि प्रसार से 7.40 रुपया, शिक्षा से 2.05, सड़क से 1.33, बिजली से 0.84 और सिंचाई नहर से 0.25 पैसे का लाभ मिलता है.

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कृषि रिसर्च में निवेश से देश को ज्यादा लाभ , फोटो सौजन्य-ICAR कृषि रिसर्च में निवेश से देश को ज्यादा लाभ , फोटो सौजन्य-ICAR

एक हाल के रिसर्च पेपर में बताया गया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान में निवेश में कमी हो रही है, जिससे कृषि क्षेत्र को समय पर बेहतर तकनीकी और वैज्ञानिक सहायता नहीं मिल रही है. इस लेख के अनुसार, 2011 से 2022 के बीच कृषि  रिसर्च में निवेश धीमा रहा है, जबकि इसमें निवेश से लाभ बहुत अधिक है. अगर कृषि रिसर्च पर एक रुपये निवेश करते हैं तो करीब 13.85 रुपये लाभ मिलता है. कृषि के सभी अन्य क्षेत्रों  की तुलना में सबसे अधिक रिर्टन मिलता है 'बिजनेस स्टैंडर्ड' में छपे लेख के अनुसार, ये रिसर्च पेपर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स और पॉलिसी रिसर्च (NIAP) द्वारा प्रकाशित किया गया है, जो कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अधीन काम करता है.

इस आंकड़े के मुताबिक,खाद्य और अन्य कृषि उत्पादों की बढ़ती मांग और कृषि भूमि के विस्तार के लिए कम संभावना के बीच उत्पादन के भविष्य की चुनौतियों के संदर्भ में, कृषि अनुसंधान में अधिक निवेश करना बेहद जरूरी है. इसमें विभिन्न विषयों या उपायों को अपनाकर इस क्षेत्र में अधिकतम लाभ उठाने के लिए इसको प्राथमिकता देनी चाहिए. इस शोध में यह पता चला है कि कृषि रिसर्च के बाद दूसरा अगर कृषि प्रसार यानी Agriculture extension पर एक रुपया निवेश करते हैं, तो 7.40 रुपये का लाभ मिलता है जो कि दूसरा सबसे बड़ा रिटर्न है.

कृषि अनुसंधान में 1 रुपया के निवेश से 13.85 का लाभ

NACP के अनुसार, एक रुपया कृषि रिसर्च पर निवेश करने पर कृषि प्रसार से 7.40 रुपया, शिक्षा से 2.05, सड़क से 1.33, बिजली से 0.84 और सिंचाई नहर से 0.25 पैसे का रिटर्न लाभ मिलता है. कृषि और कृषि संबंधित गतिविधियों के रिसर्च के संबंध में निवेश पर लाभ में अहम भिन्नताएं पाई गई हैं. इस रिसर्च के मुताबिक अगर पशु विज्ञान के रिसर्च पर एक रुपया निवेश करते हैं तो इससे पशुपालन का लाभ बहुत अधिक है, क्योंकि एक रुपया के निवश पर 20.81 का रिटर्न मिलता है, जबकि संपूर्ण फसल विज्ञान क्षेत्र के लिए एक रुपया निवेश करने पर यह लाभ 11.69 रूपये है.

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इस रिसर्च में यह भी जानकारी दी गई है कि कृषि अनुसंधान पर धन खर्च करने में क्षेत्रीय असमानताए हैं. इसमें बताया गया है कि 2011-2020 के बीच, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश, जिनमें देश के 43 फीसदी फसलों की खेती होती है, इस एरिया में कृषि जीडीपी का 0.25 फीसदी से भी कम कृषि रिसर्च पर खर्च किया गया है. वहीं, दूसरी तरफ जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, केरल और असम ने अपने कृषि जीडीपी का 0.80 प्रतिशत से अधिक फंड कृषि अनुसंधान और विकास पर खर्च किया है.

कृषि प्रधान देश में कृषि शोध पर निवेश कम क्यों?

इस रिसर्च में यह भी पाया गया है कि कृषि अनुसंधान और विकास का पोर्टफोलियो बड़े हिस्से में फसलों की खेती ओर बढ़ा है. पशुधन और प्राकृतिक संसाधनों पर निवेश कम हुआ है, दक्षिणी राज्यों में, खर्च का संतुलन बेहतर है. भारत में कृषि अनुसंधान और विकास बड़े पब्लिक फंडेड हैं. अध्ययन में पाया गया है कि 2011-2020 के बीच, केंद्र सरकार ने कृषि और ग्रामीण विकास पर कुल निवेश 33.8 प्रतिशत और राज्य सरकारों ने 58.5 प्रतिशत योगदान दिया. निजी और बाकी क्षेत्रों का योगदान केवल 8.8 प्रतिशत है जो पहले से बढ़ा है, लेकिन लेकिन यह अब भी वैश्विक औसत से कम है. इस अध्ययन में पाया गया है 2011 से 2020 तक, भारत ने अपने कृषि जीडीपी का 0.61 फीसदी कृषि रिसर्च पर खर्च किया, जो वैश्विक औसत का दो तिहाई है. ग्लोबल स्तर पर कृषि जीडीपी का 0.93 फीसदी फंड रिसर्च पर खर्च किया गया है. कृषि प्रसार पर कृषि जीडीपी का0.16 फीसदी खर्च होता है.

कृषि रिसर्च पर निवेश क्यों है जरूरी?

साल 2020-21 में भारत ने कृषि जीडीपी का 0.54 फीसदी खर्च कृषि रिसर्च पर किया जबकि कृषि प्रसार गतिविधियों पर कृषि जीडीपी का मात्र 0.11 फीसदी खर्च किया गया था. एक तरफ जहां चार दशकों में निजी और सरकारी क्षेत्र द्वारा कृषि और विकास पर कुल निवेश पाच गुना बढ़ा है, तो दूसरी तरफ 1981-1990 के बीच में कृषि रिसर्च पर 6.5 फीसदी का निवेश घटकर 2011-2020 में 4.4 फीसदी रह गया है.

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कृषि रिसर्च में निवेश से न केवल किसानों की आय और उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा, समृद्धि और रोजगार के साधनों को भी मजबूत करता है. फिर भी, इस क्षेत्र में निवेश में कमी हो रही है,जो कि गंभीर समस्या बन सकती है. कृषि रिसर्च में निवेश को बढ़ाने से देश की कृषि उत्पादकता में सुधार होगी. इससे सामाजिक और आर्थिक विकास में गुणवत्ता आएगी. इसलिए, सभी स्तरों पर कृषि रिसर्च में निवेश को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि हम एक सुदृढ़ और समृद्ध भारत की दिशा में अग्रसर हो सकें. इस अध्ययन के अनुसार, कृषि अनुसंधान में निवेश में वृद्धि करने की जरूरत हैताकि कृषि सेक्टर में  विकास के लिए जरूरी शोध किया जा सके जिससे कृषि का विकास हो सके .