भारत में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, CNH ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी डिलीवरी पूरी की है. कंपनी ने 117 केस IH गन्ना हार्वेस्टर और 234 न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर लातूर (महाराष्ट्र) स्थित देशमुख (मंझरा) ग्रुप को सौंपे हैं. CNH एक अग्रणी वैश्विक कृषि व निर्माण उपकरण कंपनी है जो भारत में पिछले 25 वर्षों से कार्यरत है. यह डिलीवरी, न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारत के गन्ना क्षेत्र के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.
देशमुख (मंझरा) ग्रुप, जो भारत में 10 शुगर मिल्स का संचालन करता है, गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में एक अग्रणी नाम है. इस समूह के पास पहले से ही CNH के 45 से अधिक गन्ना हार्वेस्टर और 90 से अधिक ट्रैक्टर हैं.
डिलीवरी पर मांजरा ग्रुप के निदेशक श्री धीरज विलासराव देशमुख ने कहा: "हम पिछले दस वर्षों से CNH की मशीनों का उपयोग कर रहे हैं. उनकी गुणवत्ता, सुरक्षा और भरोसेमंद प्रदर्शन ने हमें उनका स्थायी ग्राहक बना दिया है. इस नई डिलीवरी से हम किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन क्षमता में सुधार की दिशा में आगे बढ़ेंगे."
भारत में गन्ना उत्पादन लाखों किसानों की आजीविका का स्रोत है. लेकिन समय पर कटाई, श्रमिकों की कमी और कम उत्पादकता जैसी समस्याएं आम हैं.
CNH के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, श्री नरिंदर मित्तल ने कहा: "गन्ने की मशीन से कटाई (मैकेनाइज्ड हार्वेस्टिंग) से समय पर फसल काटना संभव हो पाता है, जिससे फसल का नुकसान कम होता है और किसानों की आय बढ़ती है."
CNH न केवल मशीनें देता है, बल्कि उनके साथ प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराता है ताकि ऑपरेटर कुशल बन सकें. कंपनी की ट्रेनिंग पहल से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खुलते हैं.
गन्ना हार्वेस्टर जैसी आधुनिक मशीनें:
CNH की ये मशीनें भारत में ही बनाई जाती हैं, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं को भी बल मिलता है. CNH और मांजरा ग्रुप की यह साझेदारी भारत में गन्ना उत्पादन के भविष्य को नई दिशा दे रही है. मशीनों से खेती न केवल समय की मांग है, बल्कि यह किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी मददगार है. इस डिलीवरी से यह साबित होता है कि तकनीक और अनुभव के साथ, भारत की कृषि व्यवस्था को और भी सशक्त बनाया जा सकता है.
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