अब खेती बनेगी इनकम का जरिया, जानिए ब्रियो के हाइड्रोपोनिक मॉडल के फायदे

अब खेती बनेगी इनकम का जरिया, जानिए ब्रियो के हाइड्रोपोनिक मॉडल के फायदे

हाइड्रोपोनिक खेती मिट्टी के बिना पानी और पोषक तत्वों की मदद से की जाती है. इसमें पानी की बचत होती है और रासायनिक कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती. यह आधुनिक तकनीक पर आधारित खेती है जिसमें पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उच्च गुणवत्ता की फसलें उगाई जाती हैं.

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अब खेती बनेगी इनकम का जरिया, जानिए ब्रियो के हाइड्रोपोनिक मॉडल के फायदेसमय की मांग है बिना मिट्टी की खेती, जानें कैसे होगा संभव

अहमदाबाद स्थित एग्रीटेक कंपनी ब्रियो हाइड्रोपोनिक्स अब देशभर में व्यावसायिक हाइड्रोपोनिक फार्मिंग पार्क बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है. कंपनी के संस्थापक प्रवीन पटेल के अनुसार, गुजरात के तालोद के पास 100 एकड़ में फैला ‘उन्नति हाई-टेक हाइड्रोपोनिक पार्क’ इस मॉडल का बेहतरीन उदाहरण है, जो बड़े स्तर पर हाइड्रोपोनिक खेती को मुनाफेदार और टिकाऊ बना रहा है.

क्या है हाइड्रोपोनिक खेती?

हाइड्रोपोनिक खेती मिट्टी के बिना पानी और पोषक तत्वों की मदद से की जाती है. इसमें पानी की बचत होती है और रासायनिक कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती. यह आधुनिक तकनीक पर आधारित खेती है जिसमें पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उच्च गुणवत्ता की फसलें उगाई जाती हैं.

59 लाख से शुरू निवेश

ब्रियो का यह पार्क निवेशकों को 59 लाख रुपये (आधा एकड़) से निवेश का अवसर देता है. निवेशक इन फॉर्म यूनिट्स के मालिक बन सकते हैं, जिन्हें कंपनी पूरी तरह से मैनेज करती है. इन यूनिट्स में ग्रीनहाउस, तकनीकी सहायता, फसल प्रबंधन और मार्केट लिंकिंग जैसी सभी सुविधाएं शामिल होती हैं. निवेशकों को फसल की पैदावार और बाजार भाव के आधार पर रिटर्न मिलता है.

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उगाई जा रही हैं ये फसलें

  • लेट्यूस
  • बेल पेपर (शिमला मिर्च)
  • खीरा
  • चेरी टमाटर
  • विदेशी जड़ी-बूटियाँ

यह हर साल 2,000 टन से ज्यादा उत्पादन करता है और साल में 6 से 8 बार फसल ली जा सकती है, जो सामान्य मिट्टी वाली खेती की तुलना में कहीं अधिक है.

पानी की बचत और पर्यावरण की रक्षा

प्रवीन पटेल ने बताया कि यह मॉडल निवेशकों को पैसिव इनकम देता है और साथ ही पर्यावरण को बचाने में भी मदद करता है. पानी की खपत बहुत कम होती है और फसलों पर कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता.

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FOCO मॉडल के जरिए देशभर में विस्तार

ब्रियो अब अगले 3 वर्षों में देशभर में और हाइड्रोपोनिक्स पार्क खोलने की योजना बना रही है. यह काम FOCO (Franchisee-Owned Company-Operated) मॉडल के तहत किया जाएगा. इससे नए एग्रिप्रेन्योर्स और निवेशकों को एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म मिलेगा.

14 राज्यों में 48 प्रोजेक्ट्स पूरे

अब तक ब्रियो ने 14 राज्यों में 48 से ज्यादा व्यावसायिक प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं, जिनका आकार 1,000 वर्गमीटर से लेकर 5 एकड़ तक है. इन परियोजनाओं को हर क्षेत्र की जलवायु और ज़रूरतों के अनुसार कस्टमाइज किया गया है.

  • राजस्थान में हीट से बचाव के लिए शेडिंग और वाटर कूलिंग
  • केरल की नमी को नियंत्रित करने के लिए उन्नत वेंटिलेशन
  • महाराष्ट्र में सेमी-कंट्रोल्ड पॉलीहाउस
  • हिमाचल में ठंडे वातावरण के लिए वर्टिकल फार्मिंग

कुल उत्पादन और ग्रोथ

ब्रियो की सभी हाइड्रोपोनिक फार्म यूनिट्स मिलकर हर साल 15,000 टन से ज्यादा ताजा सब्जियां उगाती हैं. इनमें शामिल हैं:

  • 2,500 टन लेट्यूस
  • 4,500 टन चेरी टमाटर
  • 8,000 टन खीरे
  • कंपनी की ग्रोथ भी तेज़ है – हर साल 25-30% की वृद्धि दर्ज की जा रही है.

छोटे किसानों के लिए ‘Happy Farmin’ किट

ब्रियो छोटे किसानों को भी हाइड्रोपोनिक खेती से जोड़ना चाहती है. इसके लिए कंपनी की ‘Happy Farmin’ किट 2.65 लाख रुपये की कीमत पर उपलब्ध है. फिलहाल यह किट होटल, रेस्टोरेंट और घरों के लिए है, लेकिन जल्द ही यह छोटे और मझोले किसानों के लिए भी लॉन्च की जाएगी.

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