कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने पिछले दिनों अपने बेटे अनिल की सार्वजनिक तौर पर निंदा की है. साथ ही उन्होंने ख्वाहिश जताई है कि वह चाहते हैं बेटा लोकसभा चुनाव हार जाए. एके एंटोनी के बेटे अनिल एंटोनी अप्रैल 2023 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए थे. पिता ने अब बेटे को चुनाव हारने का श्राप दिया है और अपील की है कि वह किसी भी सूरत में जीतने नहीं चाहिए. एंटनी का बयान सुर्खियां बटोर रहा है और हर कोई इसकी ही चर्चा कर रहा है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति और पारिवारिक मसले अलग हैं. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि उनकी निष्ठा कांग्रेस पार्टी के लिए ही है. 83 साल के एंटनी से पूछा गया था कि कांग्रेस नेताओं के बच्चे बीजेपी में जा रहे हैं. इस ट्रेंड को एंटनी ने नामंजूर किया और कहा, 'यह कोई विडंबना नहीं है, यह गलत है. मुझे बच्चों के बारे में और कहने के लिए मजबूर न करें. मैंने वह भाषा नहीं सीखी है.'
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वहीं, अनिल से भी इस बारे में प्रतिक्रिया ली गई. अनिल ने इस पर निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा, 'वह वृद्ध हैं. मैं उनका काफी सम्मान करता हूं. लेकिन जब मैंने उन्हें एक राष्ट्रवादी सांसद के लिए बोलते देखा तो मुझे तकलीफ हुई.' अनिल एंटो एंटनी की बात कर रहे थे. अनिल का कहना था कि उन्होंने सेना और उन सैनिकों का अपमान किया और साथ ही पाकिस्तान की तरफ से संचालित हो रही आतंकी गतिविधियों पर भी पर्दा डालने की कोशिशें की. अनिल का बयान यह बताने के लिए काफी था कि उन सैनिकों उनके पिता और उनके बीच राजनीतिक मतभेद कितने गहरे हैं.
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अनिल एंटोनी को बीजेपी ने केरल के पथानामथिट्टा से टिकट दिया है. यहां से 66 साल के एंटो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. एके एंटनी ने भरोसा जताया है कि इस बार भी एंटो ही चुनाव जीतेंगे. साल 2019 में उन्होंने इस सीट से 380,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी. अनिल जो एक टेक्नोक्रेट और इंडस्ट्रीयलिस्ट हैं, उनका पिता की राजनीतिक विचारधारा से हटकर बीजेपी में जाना एंटनी के लिए एक बड़ी क्षति करार दिया गया था. पिता एके एंटनी ने अनिल के इस कदम के बारे में तब अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कसम खाई थी कि 'मैं मरते दम तक कांग्रेस के साथ रहूंगा और बीजेपी और उसके सांप्रदायिक एजेंडे से लड़ूंगा.'
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