देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और पांच चरणों का मतदान हो चुका है. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आएंगे. लेकिन चुनावी नतीजों से पहले ही राजनीतिक पंडित मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं साथ ही अगली मोदी सरकार के कार्यकाल को लेकर भी कई कयास लगा रहे हैं. इसी क्रम में 'आजतक' से खास बातचीत में राजनीतिक विश्लेषक और जनसुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बड़ी भविष्यवाणी की है.
'आजतक' से खास बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि 2024 में मोदी सरकार 303 सीटें के साथ बहुमत में आ सकती है और अपने तीसरे कार्यकाल में मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाएगी. अगर वाकई ऐसा हुआ तो ये किसानों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होगा.
आजतक से खास बातचीत के दौरान, प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जनता में कोई बड़ा गुस्सा नहीं है और इसलिए बीजेपी इस बार लगभग 303 सीटें जीतेगी. प्रशांत किशोर ने कहा, "मुझे लगता है कि मोदी 3.0 सरकार धमाकेदार शुरुआत करेगी. केंद्र के पास शक्ति और संसाधन दोनों का और भी ज्यादा कंसन्ट्रेशन होगा. राज्यों की फाइनेंशियल ऑटोनोमी में कटौती करने की भी कोशिश की जा सकती है."
मोदी 3.0 को लेकर भविष्यवाणी करते हुए राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत ने कहा, "राज्यों के पास वर्तमान में राजस्व के तीन प्रमुख स्रोत हैं - पेट्रोलियम, शराब और भूमि. मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.'' बता दें कि राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने 2014 में पीएम मोदी के लिए चुनावी अभियान का प्रबंधन किया था और बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली थी. यही वजह है कि प्रशांत किशोर के मोदी सरकार को लेकर विचार और भविष्यवाणियों को राजनीतिक गलियारों में बेहद तवज्जो दी जाती है.
गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए लंबे समय से मांग और कवायत चल रही है. हालांकि अगर ऐसा हुआ तो इसे राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों की कमाई पर बड़ी चपत लगेगी. लेकिन जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल-डीजल के दाम मौजूदा कीमत से लगभग आधे हो जाएंगे. ऐसे में अगर मोदी सरकार तीसरी बार आई और ये फैसला ले लिया तो इसका सीधा और सबसे ज्यादा फायदा किसानों को ही होगा. आज के दौर की खेती में किसान हर छोटा-बड़ा काम ट्रैक्टर और अन्य उपकरणों से ही करते हैं. ऐसे में खेती के दौरान किसान की लागत का एक बहुत बड़ा हिस्सा डीजल और पेट्रोल पर ही खर्च होता है.
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वर्तमान में पेट्रोल और डीजल पर सरकार 60 प्रतिशत से भी ज्यादा टैक्स वसूलती है. लेकिन जीएसटी में अधिकतम टैक्स स्लैब 28 प्रतिशत है. ऐसे में अगर पेट्रोल-डीजल पर भी सरकार अधिकतम 28 प्रतिशत टैक्स ही लगाएगी तो दाम एक दम से नीचे आ जाएंगे. चलिए अब समझते हैं कि अगर वाकई मोदी सरकार ने अगले कार्यकाल में डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में ला दिया तो इनका अनुमानित दाम कितना हो सकता है-
मान लीजिए कि आज की तारीख में दिल्ली में पेट्रोल का दाम 94.72 रुपये प्रति लीटर है. अब डीलर्स को सरकार ये पेट्रोल 55.36 रुपये में बेच रही है. इसके बाद इसमें एक्साइज ड्यूटी लगेगी, डीलर का कमीशन जुड़ेगा, ऊपर से VAT भी लगेगा. ये सारे टैक्स मिलाकर दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये हो रही है.
लेकिन जब पेट्रोल पर जीएसटी लगा तो सबसे पहले वैट और एक्साइज ड्यूटी हट जाएगी. यानी की जीएसटी का अधिकतम टैक्स स्लैब 28 प्रतिशत कर ही लागू होना चाहिए. अब अगर डीलर को पेट्रोल 55.36 रुपये प्रति लीटर मिलता है तो इसपर 28 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद ग्राहक को 70.86 रुपये प्रति लीटर पड़ेगा.
इसी तरह डीजल का दिल्ली में वर्तमान दाम 87.62 रुपये प्रति लीटर है. इसमें से डीजल का रेट 40.27 रुपये प्रति लीटर पड़ता है और 2.59 रुपये प्रति लीटर डीलर का कमीशन रहता है. इसके बाद एक्साइज ड्यूटी और वैट को मिलाकर लगभग 43.86 रुपये टैक्स लगता है. लेकिन अगर डीजल पर अधिकतम 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है तो डीजल के 40.27 रुपये प्रति लीटर (डीलर वाला दाम) के दाम पर सिर्फ 11.27 रुपये का टैक्स लगेगा. इसके बाद डीजल की अनुमानित कीमत 51.54 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी.
अब अगर मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आती है और राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी के सच साबित हुई तो पेट्रोल-डीजल के जीएसटी के दायरे में आ सकता है. इसके बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी कमी से किसान की खेती की लागत भी बहुत कम हो सकती है.
नोट- यहां बताई गईं डीजल और पेट्रोल के कीमतें सिर्फ अनुमान के लिए उपयोग की गई हैं.
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