scorecardresearch
लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में बक्‍सर से लेकर पूर्णिया तक टिकट न मिलने से टूटे दिल, कहीं आरजेडी तो कहीं बीजेपी ने तोड़े सपने

लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में बक्‍सर से लेकर पूर्णिया तक टिकट न मिलने से टूटे दिल, कहीं आरजेडी तो कहीं बीजेपी ने तोड़े सपने

जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है, रोमांच बढ़ता जा रहा है. बिहार में राजनीति रंग दिन पर दिन नए मोड़ ले रही है. यहां पर कई उम्‍मीदवारों के टिकट कट रहे हैं तो किसी की सपने चकनाचूर हो रहे हैं. हम बात कर रहे हैं पूर्व आईपीएस ऑफिसर आनंद मिश्रा और कांग्रेस में शामिल हुए पप्‍पू यादव की.

advertisement
टिकट नहीं मिलने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए पप्‍पू यादव टिकट नहीं मिलने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए पप्‍पू यादव

जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है, रोमांच बढ़ता जा रहा है. बिहार में राजनीति रंग दिन पर दिन नए मोड़ ले रही है. यहां पर कई उम्‍मीदवारों के टिकट कट रहे हैं तो किसी की सपने चकनाचूर हो रहे हैं. हम बात कर रहे हैं पूर्व आईपीएस ऑफिसर आनंद मिश्रा और कांग्रेस में शामिल हुए पप्‍पू यादव की. जहां आनंद मिश्रा को पूरी उम्‍मीद थी कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार उन्‍हें टिकट देगी तो वहीं पप्‍पू यादव, राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की तरफ से हुए ऐलान से हैरान रह गए. बीजेपी ने बक्‍सर सीट से अश्विनी चौबे की जगह मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया तो वहीं आरजेडी ने पप्‍पू यादव की जगह पूर्णिया से बीमा भारती को टिकट देकर उनके सपने तोड़ दिए. 

आनंद मिश्रा को नहीं मिला टिकट 

इस बार की लोकसभा चुनाव में बिहार में बक्सर और पूर्णिया हॉट सीट बन गई हैं. बीजेपी ने इस सीट के वर्तमान सांसद अश्विनी चौबे का पत्ता काट दिया है. अब यहां से मिथिलेश तिवारी को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. लेकिन इस सीट से चुनाव लड़ने को लेकर एक और नाम खूब चर्चा में था और वह नाम था असम के लखीमपुर के एसपी रहे आनंद मिश्रा का. आनंद इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. टिकट की घोषणा से पहले तक माना जा रहा था कि अश्विनी चौबे का पत्ता कटने के बाद आनंद मिश्रा ही बीजेपी के उम्मीदवार होंगे. लेकिन जब टिकट का ऐलान हुआ तो बीजेपी ने आनंद मिश्रा समेत सबको हैरान कर दिया. यहां से मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया. 

यह भी पढ़ें-सीमांचल की सीमा कौन पार कर पाएगा? जिसके पास पूर्णियां की चाबी वही मारेगा मैदान

छोड़ दी एसपी की नौकरी तक 

आनंद इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए खूब मेहनत कर रहे थे.  आनंद ने नौकरी से स्‍वैच्छिक रिटायरमेंट यानी वीआरएस तक ले लिया था. इसके बाद वह चुनाव की तैयारियों में जुट गए थे. हालांकि बक्सर की सीट पर आनंद से पहले भी बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्‍तेश्‍वर पांडे ने भी चुनाव का सपना देखा था. सन्  2020 के विधानसभा चुनाव में रिटायर्ड डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बक्सर की सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे.  इसके लिए उन्‍होंने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की सदस्यता तक ले ली थी. 

ऐसा माना जा रहा था कि नीतीश कुमार, गुप्तेश्वर पांडे को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे सकते हैं. लेकिन सीट बंटवारे के वक्त यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. बीजेपी ने सीट से परशुराम चतुर्वेदी को टिकट दिया था. इसके वजह से गुप्तेश्वर पांडे चुनाव नहीं लड़ पाए। अब ठीक उसी तरह एसपी आनंद कुमार मिश्रा भी गच्चा खा गए. 

यह भी पढ़ें-समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश और आजम खान आमने-सामने 

पप्‍पू यादव के साथ हुआ खेला 

वहीं दूसरी ओर बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूला पर बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. यहां पर आरजेडी ने पूर्णिया से बीमा भारती को टिकट दे दिया. जबकि कांग्रेस यह सीट पप्पू यादव के लिए चाहती थी. बीमा भारती, जेडीयू से आरजेडी में शामिल हुई थीं. उनके शामिल होने के बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि बीमा ही आरजेडी की उम्‍मीदवार होंगी. इस सीट पर पप्पू यादव के साथ वहीं हुआ जो कभी कीर्ति झा आजाद के साथ हुआ था. आरजेडी की तरफ से पप्पू यादव को मधेपुरा की सीट ऑफर की गई थी. लेकिन उन्‍होंने इससे इनकार कर दिया. 

कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति झा आजाद बीजेपी से दरभंगा से सांसद हुआ करते थे. लेकिन पार्टी से बागी होकर उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली और दरभंगा से चुनाव लड़ने की इच्‍छा जताई. लेकिन सीट बंटवारे में दरभंगा की सीट आरजेडी के खाते में चली गई. ऐसे में कीर्ति झा दरभंगा से चुनाव नहीं लड़ पाए. कांग्रेस ने उन्हें बाद में झारखंड से टिकट दिया.