लोकसभा चुनावों के नतीजे चार जून को आएंगे लेकिन इससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खाते में एक सीट चली गई है. बीजेपी ने गुजरात की सूरत लोकसभा सीट जीतकर अपने खाते में पहली जीत दर्ज कर ली है. दिलचस्प बात है कि पार्टी ने बिना लड़े ही इस सीट पर जीत हासिल की है. हर कोई हैरान है कि आखिर हुआ कैसे. सूरत में सात मई को वोटिंग होनी है लेकिन उससे पहले ही यह चमत्कार हुआ और पार्टी के उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया.
सूरत से कुल 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें से आठ ने इसे वापस ले लिया. वहीं दो कांग्रेस उम्मीदवारों और एक बसपा उम्मीदवार सहित छह अन्य के नामांकन खारिज कर दिए गए. ऐसे में बीजेपी के मुकेशकुमार चंद्रकांत दलाल सूरत लोकसभा क्षेत्र में निर्विरोध विजेता के रूप में उभरे. डायमंड सिटी सूरत में 35 साल बाद कोई किसी उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिली है. सात मई को मतदान है और उससे 15 दिन पहले ही दलाल को उनका विजयी प्रमाण पत्र भी सौंप दिया गया. पिछली बार ऐसा वाकया सन् 1989 में हुआ था. उस समय किसी उम्मीदवार ने लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ श्रीनगर सीट पर जीत हासिल की थी. यह पहली बार है कि बीजेपी ने कोई लोकसभा सीट निर्विरोध जीती है. जबकि कांग्रेस ने सन् 1977 तक ऐसे 22 मौकों पर जीत हासिल की है.
यह भी पढ़ें- हेमा मालिनी से लेकर राहुल गांधी तक...दूसरे चरण के ये हैं दिग्गज उम्मीदवार
जिन उम्मीवारों ने सूरत सीट से नामांकन दाखिल किया था उनमें बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी के विजय लोहार, लॉग पार्टी के सोहेल शेख, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी के जयेशभाई मेवाड़ा और सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी के अब्दुल हामिद खान शामिल थे. जबकि पांच निर्दलीय उम्मीदवार, भरतभाई प्रजापति, पोका राम, अजीत सिंह भूपतसिंह उमट, किशोरभाई दयान और बरैया रमेशभाई परसोत्तमभाई मैदान में थे. नामांकन दाखिल करने वाले अन्य लोगों में बसपा के दो उम्मीदवार, परमार नरेशभाई और प्यारेलाल भारती शामिल थे. कांग्रेस के दो उम्मीदवारों, सुरेशभाई पडसाला और कुंभानी नीलेशभाई ने भी नामांकन दाखिल किया था. दलाल के अलावा दूसरे बीजेपी उम्मीदवार कछाड़िया जनककुमार ने भी अपना नामांकन दाखिल किया था.
यह भी पढ़ें- मुरादाबाद लोकसभा सीट पर दोबारा होगा चुनाव? जानें बीजेपी प्रत्याशी के निधन के बाद अब क्या हैं विकल्प
लेकिन बाद में इन 15 उम्मीदवारों में से आठ ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिनमें चार निर्दलीय, बसपा के प्यारेलाल भारती के साथ-साथ सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी, लोग पार्टी और ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार शामिल थे. भारत के चुनाव आयोग ने तकनीकी कारणों से छह नामांकन खारिज कर दिए. रिटर्निंग ऑफिसर के अनुसार, नामांकन फॉर्म में प्रस्तावकों के साइन में विसंगतियों के कारण दोनों कांग्रेस उम्मीदवारों के नामांकन वास्तविक नहीं पाए जाने के कारण खारिज कर दिए गए. प्रस्तावकों ने हलफनामा दायर कर कहा था कि उन्होंने इन उम्मीदवारों के फॉर्म पर कभी हस्ताक्षर नहीं किये. कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today