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लूलू ग्रुप सहित दुबई की कंपनियां आगरा जाकर क‍िसानों से खरीदेंगी आलू

लूलू ग्रुप सहित दुबई की कंपनियां आगरा जाकर क‍िसानों से खरीदेंगी आलू

यूपी में इस साल आलू की उम्मीद से ज्यादा पैदावर होने के कारण किसानों के सामने भंडारण एवं बिक्री का संकट पैदा हाेने पर योगी सरकार ने खुद किसानों से आलू खरीदने की पहल की है. इसके साथ ही यूपी सरकार ने कुछ विदेशी कंपनियों को भी किसानों से आलू की सीधी खरीद करने का रास्ता भी खोल दिया है. जिससे स्थानीय कारोबारियों के दबाव में आलू की थोक बाजार कीमत में आई गिरावट को दूर किया जा सके.

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यूपी के आलू उत्पादक किसानों को नुकसान नहीं होने देने का भरोसा दिलाते मंत्री दिनेश प्रताप सिंह यूपी के आलू उत्पादक किसानों को नुकसान नहीं होने देने का भरोसा दिलाते मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

इस साल यूपी में आलू की बंपर पैदावार हुई है. इससे क‍िसानों की मुसीबत बढ़ गई हैं. नतीजतन बाजार में क‍िसानों के आलू को दाम कम म‍िल रहा है. कहानी ये है क‍ि आलू के थोक बाजार भाव में गिरावट आ गई. साथ ही ज्यादा उपज ने भंडारण की समस्या भी पैदा कर दी है. इसके मद्देनजर सरकार ने 'बाजार हस्तक्षेप योजना' लागू कर किसानों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. इसी कड़ी में सरकार के प्रयासों से अब क‍िसानों से आलू लूलु ग्रुप समेत दुबई की कुछ कंपन‍ियां खरीदेंगी.  

यूपी के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री  (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि इस योजना के फलस्वरूप सरकार ने विदेशी कंपनियों के लिए भी किसानों से आलू की खरीद करने का रास्ता खोल दिया है. जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया जा सके.

सिंह ने बताया कि सरकार के दखल पर दुबई की कुछ कंपनियों ने यूपी में किसानों से आलू की खरीद करने की पेशकश की है. इनमें भारत और यूएई सहित अन्य देशों में मॉल संचालित करने वाले लूलू ग्रुप के अलावा दुबई के कुछ अन्य कारोबारी समूह शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि आलू की खरीद के लिए दुबई के कारोबारियों का एक दल आगरा पहुंच रहा है. गौरतलब है कि आगरा जिला, यूपी में आलू उत्पादन का हब है. यूपी में आलू का लगभग एक चौथाई उत्पादन आगरा जिले में होता है. 

 शुरू हो गई सरकारी खरीद

सिंह ने कहा कि 13 मार्च से आलू के 7 क्लस्टर जिलों में किसानों से आलू की खरीद शुरू हो गई है. पहले चरण में मैनपुरी, एटा, कासगंज, फर्रूखाबाद, कौशाम्बी, उन्नाव एवं बरेली में राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाॅफेड) के क्रय केन्द्र से खरीद की जाएगी. हाॅफेड को आलू उत्पादन से जुड़े 17 जिलों में क्रय केंद्र खोलने को कहा गया है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा यूपी कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा भी 'बाजार हस्तक्षेप योजना' के अन्तर्गत सभी आलू उत्पादक जनपदों में क्रय केन्द्र खोल कर किसानों से आलू की खरीद करने को कहा गया है. सिंह ने कहा कि फ‍िलहाल सरकार 10 लाख मीट्र‍िक टन आलू की खरीद करेगी.

उपज की पूरी खरीद पर संशय

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल यूपी में 6.94 लाख हेक्टेयर में आलू की पैदावार की गई है. इसका संभावित उत्पादन लगभग 242.93 लाख मीट्र‍िक टन है. वहीं, प्रदेश में आलू की भंडारण क्षमता 1971 कोल्ड स्टोरेज के माध्यम से 162.62 लाख मीट्रि‍क टन है. स्पष्ट है कि भंडारण क्षमता का आलू काूल्ड स्टोरेज में रखने के बाद 80 लाख मीट्र‍िक टन आलू बचेगा.

अतिरिक्त उपज को सरकारी खरीद के अलावा खुले बाजार में बेचने की चुनौती बनी हुई है. हालांकि मंत्री ने कहा कि अभी तक मात्र 88.14 लाख मीट्र‍िक टन आलू कोल्ड स्टोर में रखा गया है. अभी भी 74.48 लाख मीट्र‍िक टन (45.80 प्रतिशत) आलू की भंडारण क्षमता का उपयोग नहीं हुआ है. इसलिए किसानों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. सरकार को भरोसा है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में आलू की खपत हो जाएगी.

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