देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की आवक में तेजी आई है और सरकारी एजेंसियों ने 15 मार्च से 23 अप्रैल तक 18.39 मिलियन टन (183 लाख टन) से अधिक अनाज खरीदा है, जो पिछले मार्केटिंग सीजन की इसी अवधि की तुलना में 54 परसेंट अधिक है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल सरकारी एजेंसियों ने इस अवधि के दौरान 119 लाख टन से अधिक की खरीद की थी. गेहूं खरीद का मार्केटिंग सीजन 15 मार्च से 30 जून तक चलता है.
'मिंट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 23 अप्रैल तक पंजाब 59 लाख टन खरीद के साथ सबसे आगे है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 34 लाख टन खरीद हुई थी. पंजाब में खरीद प्रक्रिया देर से शुरू हुई, और 13 अप्रैल को मनाई गई बैसाखी के बाद ही इसमें तेजी आई.
हालांकि, आने वाले दिनों में आवक में तेजी आने की उम्मीद है. पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा, "हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मंडियों में गेहूं की हर दिन आवक 500,000 मीट्रिक टन तक पहुंच जाए." सरकारी एजेंसियों ने पंजाब से 124 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा है.
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पंजाब के बाद हरियाणा का स्थान है, जहां 23 अप्रैल तक खरीद 56 लाख टन रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 49 लाख टन खरीद हुई थी. सरकार हरियाणा से 75 लाख टन खरीद का लक्ष्य रख रही है. पंजाब और हरियाणा गेहूं के केंद्रीय स्टॉक में सबसे अधिक अनाज मुहैया कराते हैं.
एक और पहलू यह है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान किसानों को 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा बोनस दे रहे हैं और इस फैसले ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. दोनों राज्यों में इस साल गेहूं की खरीद में काफी तेजी देखी गई. मध्य प्रदेश ने पिछले साल 29 लाख टन की तुलना में इस साल 54 लाख टन गेहूं खरीदा. इसी तरह, राजस्थान में पिछले साल 2.3 लाख टन की तुलना में कुल खरीद 8.2 लाख टन रही.
मध्य प्रदेश ने किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है, जबकि राजस्थान सरकार ने 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का ऐलान किया है.
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कुल मिलाकर, 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में, सरकार पंजाब (124 लाख टन), हरियाणा (75 लाख टन), मध्य प्रदेश (60 लाख टन), उत्तर प्रदेश (30 लाख टन) और राजस्थान (20 लाख टन) के किसानों से 312 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य बना रही है. 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में, सरकार ने 266 लाख टन टन गेहूं खरीदा.
खरीद में वृद्धि से सरकार को दाम बढ़ने को रोकने और सरकारी योजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2024-25 रबी सीजन के दौरान गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 1150 लाख टन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 1130 लाख टन से अधिक है. 2 परसेंट की वृद्धि मुख्य रूप से अनुकूल मौसम और बिना किसी प्राकृतिक आपदा के होने के कारण हुई है.
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