रबी फसलों की बुवाई में लगातार बढ़ोतरी जारी है. चालू सीजन के दौरान गेहूं का रकबा शुक्रवार तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में बढ़कर 239.79 लाख हेक्टेयर हो गया. इन राज्यों में पिछले साल के मुकाबले गेहूं की बुवाई में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है. फसल सीजन 2022-23 में 29 दिसंबर तक इन राज्यों में गेहूं की बुवाई 237.37 लाख हेक्टेयर में हुई थी. खास बात यह है कि ये चार राज्य मिलकर देश के कुल गेहूं रकबे का 75 प्रतिशत हिस्सा साझा करते हैं. ऐसे में आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं का रकबा एक साल पहले के 324.58 लाख हेक्टेयर की तुलना में 320.54 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. अधिकारियों ने कहा कि देर से पकने वाली किस्मों के साथ गेहूं की बुआई जनवरी के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी.
बिजनेसलाइन के मुताबिक, 2023 के दौरान सभी रबी फसलों के तहत बोया गया क्षेत्र 29 दिसंबर तक 629.65 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो 648.33 लाख हेक्टेयर के सामान्य क्षेत्र का 97 प्रतिशत से अधिक है. विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि यह अभी भी एक साल पहले की समान अवधि के 646.16 लाख हेक्टेयर से 3 प्रतिशत कम है. इसलिए मुख्य रूप से दालों के रकबे में गिरावट के कारण सीजन 1-2 प्रतिशत की कमी के साथ समाप्त हो सकता है.
ये भी पढ़ें- अयोध्या से PM मोदी ने की देश की जनता से अपील, 22 जनवरी को घर- घर जलाएं रामज्योति, जगमग हो भारत
रबी दलहन का रकबा 153.22 लाख हेक्टेयर की तुलना में 7 प्रतिशत कम होकर 142.49 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, क्योंकि चना का रकबा पूरे समय लगातार कम रहा है. वहीं, मसूर का क्षेत्रफल बढ़कर 18.68 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले के 18.02 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है. प्रमुख रबी दलहन चने का बुआई क्षेत्र 105.8 लाख हेक्टेयर से 8 प्रतिशत कम होकर 97.05 लाख हेक्टेयर रह गया है. अब तक, चने के अंतर्गत 100.92 लाख हेक्टेयर के सामान्य क्षेत्र का 96 प्रतिशत कवर किया जा चुका है.
सरसों का रकबा पूरे सीजन में आगे बढ़ता जा रहा है और 29 दिसंबर तक 97.29 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की इसी अवधि के 95.63 लाख घंटे से 2 प्रतिशत अधिक है. सभी रबी तिलहनों का रकबा 104.96 लाख हेक्टेयर बताया गया है, जो एक साल पहले के 105.15 लाख हेक्टेयर से अधिक है, जिसमें मूंगफली का क्षेत्रफल 1.02 लाख हेक्टेयर कम होकर 3.32 लाख हेक्टेयर रह गया है. हालांकि मूंगफली एक खरीफ फसल है, यह सर्दियों के दौरान लगभग 7 लाख हेक्टेयर पर भी उगाई जाती है. मुख्य रूप से इसकी खेती कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में होती है.
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में स्थाई शांति के लिए सरकार की क्या है तैयारी? PM मोदी ने एक लाइन में दिया पूरा जवाब
धान का रकबा पिछले साल के 16.57 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 14.36 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है और अधिकतम क्षेत्रफल तमिलनाडु से 10.45 लाख हेक्टेयर बताया गया है. शीतकालीन धान का सामान्य क्षेत्रफल 52.5 लाख हेक्टेयर है और सरकार को सामान्य या इससे अधिक क्षेत्रफल प्राप्त होने की उम्मीद है.मोटे अनाजों में बुआई का रकबा 46.64 लाख हेक्टेयर से एक फीसदी बढ़कर 47.29 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. ज्वार का रकबा 21.04 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल के 21.19 लाख हेक्टेयर से कम है और मक्के का क्षेत्रफल 17.53 लाख हेक्टेयर के साथ कुछ अधिक पहुंच गया है, जो एक साल पहले 17.51 लाख हेक्टेयर था. जौ की बुआई साल भर पहले के 7.32 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 9 फीसदी बढ़कर 8.01 लाख हेक्टेयर हो गई है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today