केंद्र सरकार ने गुरुवार को ससंद में देशभर में दलहन फसलों की सरकारी खरीद से जुड़ी जानकारी साझा की. कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अब तक 1,31,000 टन तुअर की खरीद की है. इससे 89,219 किसान को फायदा हुआ. 2024-25 खरीफ सीजन के लिए PSS के तहत, मंत्रालय ने नौ राज्यों - आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से कुल 13.22 लाख टन तुअर की खरीद को मंजूरी दी है.
कृषि मंत्रालय के अनुसार, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में तुअर की खरीद शुरू हो चुकी है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 11 मार्च तक इन राज्यों में कुल 1.31 लाख टन तुअर (अरहर) की खरीद की गई है. अन्य राज्यों में भी तुअर की खरीद जल्द ही शुरू होगी.
सहकारी समितियों NAFED और NCCF के ई-समृद्धि पोर्टल पर पहले से पंजीकृत किसानों से भी तुअर की खरीद की जाती है. मालूम हो कि मूल्य समर्थन योजना तब लागू होती है, जब कुछ कृषि वस्तुओं के बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे गिर जाते हैं. यह योजना किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करके सुरक्षा जाल प्रदान करने के लिए बनाई गई है, जिससे उन्हें बाजार की अस्थिरता और मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके.
तुअर के अलावा, मंत्रालय ने 2024-25 खरीफ सीजन के लिए 9.40 लाख टन मसूर और 1.35 लाख टन उड़द की खरीद को मंजूरी दी है. बजट 2025 में सरकार ने देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से 2028-29 तक राज्य के उत्पादन के लिए 100 प्रतिशत तुअर, मसूर और उड़द की खरीद की घोषणा की है. पिछले कुछ वर्षों में दालों का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन देश अभी भी घरेलू कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है.
भारत दालों के उत्पादन में अग्रणी देश है, लेकिन बड़ी मात्रा में उत्पादन के बाद भी यहां खपत के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि सरकार को अन्य देशों से आयात कर देश में दाल की आपूर्ति करनी पड़ती है. सरकार दाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए दलहन मिशन चला रही है.
सरकार ने आम उपभोक्ता को सस्ती कीमत पर दाल उपलब्ध कराने और मांग को पूरा करने के लिए हाल ही में पीली मटर दाल के शुल्क मुक्त आयात की मियाद बढ़ाकर 31 मई 2025 तक कर दी है. वहीं उड़द के शुल्क मुक्त आयात की मियाद भी एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2026 कर दी है. (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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