हल्दी के भाव में लगातार तेजी देखी जा रही है. मसाले में प्रयोग होने वाली हल्दी का भाव 15 हजार रुपये क्विंटल को पार कर लिया है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसमें थोड़ी राहत देखी जा सकती है. हालांकि पहले की तुलना में अभी रेट ऊपर चल रहे हैं. भाव में वृद्धि के पीछे कई वजहें हैं. इन वजहों में मॉनसून बड़ा कारण है जिससे हल्दी की बुआई प्रभावित हुई है. इसके अलावा अल-नीनो भी एक वजह है. किसानों ने हल्दी की खेती से थोड़ा मन खींचा है जिससे पैदावार में कमी भी भाव बढ़ाने की एक बड़ी वजह है. तो आइए इन तमाम वजहों के बारे में जान लेते हैं.
इस बार खरीफ सीजन में हल्दी की बुआई कम हुई है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि मॉनसून की बारिश कम हुई. बारिश कम होने से किसानों ने हल्दी की बुआई कम की. लिहाजा पैदावार गिरने की आशंका बढ़ गई है. भविष्य में पैदावार गिरने और सप्लाई प्रभावित होने के डर में हल्दी के भाव में अभी से तेजी देखी जा रही है.
मंडियों में ऐसा देखा जा रहा है कि अच्छी हल्दी की कमी है जबकि खरीदार क्वालिटी प्रोडक्ट की मांग कर रहे हैं. ऐसे में अच्छी हल्दी की कमी से मंडियों में इसके भाव बढ़ रहे हैं. यहां डिमांड अधिक और सप्लाई कम वाला मसला है.
ये भी पढ़ें: तस्वीरों में जानें कितने बढ़े मसालों के रेट, खलनायक बनी बेमौसमी बारिश
हल्दी की अगली पैदावार कैसी होगी, यह अल-नीनो पर निर्भर करेगा. अल-नीनो का असर अधिक हुआ तो पैदावार गिर जाएगी. इससे हल्दी का पूरा बाजार गड़बड़ हो जाएगा. इस अंदेशे में भी हल्दी के भाव लगातार बढ़े जा रहे हैं. पहले से इसमें तेजी बनी हुई है.
मौसम पूर्वानुमान का असर भी हल्दी के भाव में वृद्धि कर रहा है. पूर्वानुमानों में कहा गया है कि देश के दक्षिण और मध्य हिस्से में सूखे की स्थिति प्रबल होगी जिससे हल्दी की पैदावार प्रभावित होगी. पैदावार गिरने से बाजार में हल्दी की कमी दर्ज की जाएगी. आखिरकार यही कमी दाम बढ़ाने का अहम फैक्टर बनेगी.
भारत की हल्दी की मांग विदेशों में बहुत अधिक है. हल्दी की उपयोग मसाले के अलावा कई तरह की दवाओं और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट में होता है. यहां तक कि कॉस्मेटिक्स में भी. लेकिन विदेशों की मांग अभी पूरी नहीं हो पा रही है क्योंकि देश में ही इसकी कमी देखी जा रही है. विदेशी मांग की वजह से भी हल्दी के भाव बढ़े हुए हैं.
ये भी पढ़ें: पहाड़ों से निकलकर लंदन जा रही है ये हल्दी, नाम है Lakadong, जानें कैसे हुआ कमाल
पहले की तुलना में देखें तो हल्दी के रेट बढ़े हैं, लेकिन हाल के कुछ दिनों में इसमें गिरावट है. चार अगस्त को नेशनल कमॉडिटी एक्सचेंज पर हल्दी का रेट 18 हजार रुपये का स्तर छू लिया था. लेकिन अभी यह भाव 15 हजार के आसपास चल रहा है. देश में इरोड मंडी को हल्दी के लिए सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मंडी में हल्दी का हाजिर भाव 13,000 से 13,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है. पहले से कीमतों में भले ही ढाई से तीन हजार की कमी आई है, लेकिन पिछले कुछ साल का ट्रेंड देखें तो हल्दी अब भी कीमतों में ऊपर चल रही है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today