
किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई सरकारी स्कीम चल रही है. इसके लिए परंपरागत खेती से लेकर प्राकृतिक खेती दोनों को एक साथ बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी प्रयास में ऑर्गेनिक फार्मिंग भी है. ऐसी खेती पर जोर दिया जा रहा है जिससे किसानों की आमदनी बढ़े. इसमें नकदी फसलें खास हैं. चावल और गेहूं से हटकर सब्जी, फल, फूल, मसालों की खेती किसानों की आमदनी बढ़ा सकती है. इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है. एक ऐसी ही कोशिश उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में सामने आई है. यहां किसानों को स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है.
एक तरफ परंपरागत खेती के लिए जहां किसानों को बेहतरीन बीज और उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसानों को आधुनिक खेती की तरफ आकर्षित करने की कवायद भी की जा रही है. इसी कड़ी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में किसानों को स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है. किसानों को आधुनिक खेती की तरफ मोड़ने और उनकी आय को कई गुना बढ़ाने की दिशा में अग्रसर करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां पर धान की बहुत ही बेहतरीन किस्म की पैदावार होती है. चंदौली जिले के खेतों की मिट्टी धान की फसल के लिए बेहद उपजाऊ मानी जाती है. यहां के किसान एक तरफ जहां परंपरागत खेती करते हुए धान की अलग-अलग किस्मों का उत्पादन करते हैं. वहीं पिछले कुछ वर्षों से जनपद में ब्लैक राइस का भी उत्पादन किया जा रहा है. इमें अब अगला नाम स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट का जुड़ने वाला है. सरकार की तरफ से यहां के किसानों को स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट जैसे मुनाफे वाले फलों और अन्य ऑर्गेनिक सब्जियों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए प्रशिक्षण कैंप भी लगाए जा रहे हैं.
स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम चंदौली के कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में आयोजित किया गया. कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को प्रशिक्षण के दौरान पूरी विस्तार से जानकारी दी गई. इस तरह की खेती के लाभ के बारे में बताया गया. कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ईशा दुहन ने प्रशिक्षण में भाग लेने वाले किसानों से स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फूट की खेती को जिलें में बढ़ावा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि जनपद के किसानों को पारंपरिक खेती के अलावा छोटे-छोटे जगहों पर स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फूट की खेती की जानकारी दिलाकर उनके आय में बढ़ोतरी की जाए.
चंदौली से पहले मिर्जापुर और शाहजहांपुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती की खबरें आ चुकी हैं. इन दोनों जगहों के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. मिर्जापुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सरकारी सहायता दी जा रही है. इस काम में कृषि केंद्र किसानों की मदद कर रहा है. इस खेती के लिए किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है. कई किसान मिर्जापुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. यही बात शाहजहांपुर में भी देखने को मिल रही है. यहां एक इंजीनियर ने नौकरी छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. उनसे प्रेरणा लेकर कई किसान इस नई खेती में लग गए हैं.(रिपोर्ट/उदय गुप्ता)
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