MSP पर गेहूं खरीद की सुस्‍त चाल, सरकारी मंडियों का बुरा हाल, कैसे भरेगा देश का अन्‍न भंडार

MSP पर गेहूं खरीद की सुस्‍त चाल, सरकारी मंडियों का बुरा हाल, कैसे भरेगा देश का अन्‍न भंडार

Wheat Procurement: इस साल केंद्र सरकार ने 372.9 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का टारगेट तय क‍िया है, जबक‍ि खरीद स‍िर्फ 263.99 लाख टन ही हो सकी है. यानी लक्ष्य हास‍िल करने के ल‍िए अभी 109 लाख टन गेहूं और खरीदना पड़ेगा, ज‍िसे अचीव करना आसान नहीं द‍िख रहा है.  

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MSP पर गेहूं खरीद की सुस्‍त चाल, सरकारी मंडियों का बुरा हाल, कैसे भरेगा देश का अन्‍न भंडारइस साल क‍ितना गेहूं खरीदने वाली है सरकार.

गेहूं की सरकारी खरीद अब सुस्त पड़ गई है. मंड‍ियां सूनी पड़ने लगी हैं. अब इक्का-दुक्का क‍िसान ही एमएसपी पर गेहूं बेचने आ रहे हैं. प‍िछले सात द‍िन के दौरान पूरे देश में स‍िर्फ 2,23,425.2 मीट्र‍िक टन गेहूं ही खरीदा जा सका है. यानी प‍िछले एक सप्ताह के दौरान देश में रोजाना मुश्क‍िल से 32 हजार टन गेहूं ही खरीदा गया. जानकारों का कहना है क‍ि 30 जून को जब खरीद प्रक्रिया आध‍िकार‍िक तौर पर बंद होगी तब तक मुश्क‍िल से सरकार 270 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं ही खरीद पाएगी. इसकी वजह यह है क‍ि कई राज्यों में खरीद प्रक्रिया या तो खत्म हो गई है या खत्म होने वाली है.  

एफसीआई के अनुसार 30 मई सुबह तक सरकार स‍िर्फ 2,63,98,900 मीट्र‍िक टन गेहूं ही खरीद पाई है, जबक‍ि 23 मई को खरीद 2,61,75,474.80 मीट्र‍िक टन थी. यानी प‍िछले एक सप्ताह में बहुत अध‍िक खरीद नहीं हुई है. जैसे-जैसे द‍िन बीत रहा है वैसे-वैसे मंड‍ियों में एमएसपी पर ब‍िकने के ल‍िए गेहूं का आना कम हो रहा है. इस साल सरकार ने 372.9 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का टारगेट तय क‍िया है. ज‍िसे अचीव करने के ल‍िए अभी 109 लाख टन गेहूं और खरीदना पड़ेगा. बड़ा सवाल यह है क‍ि अगर खरीद का टारगेट हास‍िल नहीं होगा तो देश के अन्न गोदाम कैसे भरेंगे.  

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कहां कब खत्म होगी खरीद प्रक्रिया  

भारतीय खाद्य न‍िगम (FCI) के प्लान के अनुसार पंजाब में गेहूं की खरीद 31 मई को बंद हो जाएगी. 10 जून को ह‍िमाचल प्रदेश, 15 जून को उत्तर प्रदेश, ब‍िहार, गुजरात, जबक‍ि 30 जून को मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में खरीद खत्म हो जाएगी. हर‍ियाणा में खरीद प्रक्रिया पहले ही बंद हो चुकी है. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से ही कुछ उम्मीद बची है. बाकी सूबे तो इस मामले में पहले ही फ‍िसड्डी साब‍ित हो चुके हैं.

अब तक क‍ितनी हुई खरीद? 

एफसीआई के अनुसार 30 मई सुबह तक सरकार लगभग 264 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं ही खरीद पाई है. ज‍िन 37,02,410 क‍िसानों ने एमएसपी पर गेहूं बेचने के ल‍िए रज‍िस्ट्रेशन करवाया था, उनमें से अब तक स‍िर्फ 20,89,498 लाख क‍िसानों ने ही सरकार को गेहूं बेचा. बाकी ने या तो उसे स्टोर कर ल‍िया या फ‍िर उसे व्यापार‍ियों को ज्यादा दाम पर बेच द‍िया. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताब‍िक गेहूं बेचने वाले क‍िसानों को अब तक 56,771.8 करोड़ रुपये एमएसपी के तौर पर भेजे जा चुके हैं.

बोनस के बावजूद न‍िराशा 

मध्य प्रदेश और राजस्थान में क‍िसानों को 2275 रुपये की एमएसपी पर 125 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की दर से बोनस भी द‍िया जा रहा है. इसके बावजूद दोनों सूबों ने अब तक अपना खरीद लक्ष्य पूरा नहीं क‍िया है. दोनों राज्यों में गेहूं का प्रभावी सरकारी दाम 2400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल है, इसके बावजूद क‍िसान उपज बेचने नहीं आ रहे हैं. क्योंक‍ि आने वाले द‍िनों में गेहूं के दाम बढ़ने के आसार हैं. मध्य प्रदेश में 80 लाख मीट्र‍िक टन का टारगेट है, जबक‍ि अब तक स‍िर्फ 48.20 लाख मीट्र‍िक टन की ही खरीद हुई है. इसी तरह राजस्थान में 20 लाख टन की बजाय स‍िर्फ 10.88 लाख टन की ही खरीद हो सकी है.  

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