देशभर में गेहूं का रिकॉर्डतोड़ उत्पादन हुआ है. गेहूं की पैदावार ने इस साल पिछले वर्षों के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. देश में गेहूं का उत्पादन लक्ष्य से 21 लाख टन ज्यादा रहा जिससे कृषि वैज्ञानिक और किसान खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. गेहूं की बंपर पैदावार से देश के अन्न भंडार भर गए हैं. यहां तक कि प्राइवेट खरीदारों ने जो खरीद के लक्ष्य निर्धारित किए थे, वे भी पूरे हो गए हैं. इसके अलावा किसानों ने अपने पास भी कुछ गेहूं का स्टॉक रखा है.
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान, करनाल के डायरेक्टर डॉ. रतन तिवारी ने बताया कि भारत सरकार ने इस वर्ष गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 1154 लाख टन निर्धारित किया था, जो न केवल पूरा हुआ बल्कि टारगेट से 21 लाख टन ज्यादा हुआ. अर्थात 1175 लाख टन का उत्पादन हुआ है. अगर पिछले साल की बात करें तो गेहूं उत्पादन 1133 लाख टन हुआ था. अगर पिछले साल से तुलना करें तो इस वर्ष 44 लाख टन ज्यादा उत्पादन हुआ है.
निदेशक ने बताया कि रिकॉर्ड उत्पादन के पीछे कई कारण अहम रहे. इनमें इस बार प्रकृति किसानों पर मेहरबान रही. फसल में बीमारियां का प्रकोप नहीं रहा. इसके अलावा संस्थान द्वारा इजाद की गई वैरायटियों ने हर साल की तरह इस बार भी काफी बेहतर प्रदर्शन किया. मौसम अनुकूल गेहूं की किस्मों ने किसानों की झोलियां भरी हैं. निदेशक डॉ. तिवारी ने बताया कि देशभर से फाइनल आकड़े आ चुके हैं, जो बहुत अच्छे हैं. इसके बारे में पहले 2 फेज के आए आकड़ों से अनुमान लगाया जा रहा था.
गेहूं के बंपर उत्पादन से किसान काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं, क्योंकि जब किसानों के खेतों में बंपर फसल होती है तो किसान की आर्थिक स्थिति में काफी ज्यादा सुधार होता है. किसानों ने फसल की काफी अच्छी तरह से देखभाल की है. साथ ही प्रकृति ने पूरा साथ दिया है जिसकी बदौलत पूरे देश में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन हुआ है. किसानों की मेहनत और वैज्ञानिकों द्वारा इजाद की गई मौसम अनुकूल किस्मों की बदौलत भी भारत के अन्न भंडार भर रहे हैं.
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