पंजाब के किसानों की परेशानी सामने आ रही है. कहीं मौसम की मार से किसान परेशान हैं तो कहीं सरकारी रेट सही नहीं मिलने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. हालिया मामला मानसा और संगरूर का है. मानसा में किसानों की सैकड़ों एकड़ की फसल इसलिए बर्बाद हो गई क्योंकि बांध टूटने से खेत में पानी भर गया. किसानों का कहना है कि इसमें प्रशासन जिम्मेदार है क्योंकि बांध की ठीक से देखभाल नहीं की गई. उधर मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिले संगरूर में किसानों की परेशानी इसलिए बढ़ गई है क्योंकि उन्हें गन्ने का सही रेट नहीं मिल रहा है. पंजाब के मानसा जिले के गांव तामकोट और रल्ला के बीच रजवाहा टूटने से किसानों की सैकड़ों एकड़ गेहूं ओर आलू की फसल पानी में डूब गई है. किसानों ने गुस्से में आकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. इस दौरान विधायक ने कैबिनेट मंत्री से किसानों से बातचीत भी की.
यह मौसम रबी फसलों का है जिसमें गेहूं के साथ कई दलहन और तिलहन फसलों की खेती होती है. अभी पौधे शुरुआती स्टेज में हैं जिन्हें बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती. ऐसे खेतों में पानी लगने से नए पौधों को बहुत नुकसान होता है. मानसा में यही हाल हुआ है जहां नहर का बांध टूट जाने से खेतों में पानी भर गया और सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई. अब किसानों ने प्रशासन से मिलकर इसका समाधान निकालने और भरपाई की मांग की है.
मानसा जिले के तामकोट और रल्ला गांव के बीच देर रात नहर में पानी छोड़े जाने से गांवों से गुजरते राजवाहे में दरार पड़ गई. इससे किसानों की सैकड़ों एकड़ गेहूं, आलू, मिर्च और सरसों की फसल जलमग्न होकर खराब हो गई. किसानों ने बताया कि नहर टूटने का कारण विभाग की लापरवाही है क्योंकि मजदूरों द्वारा पानी नहीं उठाए जाने के कारण रजवाहे में पानी का दबाव बढ़ गया है. इससे करीब 400 से 500 एकड़ में बाढ़ के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं. जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्होंने बरनाला सरसा रोड को जबरन जाम कर विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत उनकी बर्बाद हुई फसलों की सुध लेनी चाहिए और उन्हें मुआवजा देना चाहिए और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं किसानों ने कहा कि जब तक सरकार और प्रशासन किसानों की बर्बाद हुई फसल के मुआवजे का ऐलान नहीं करती, तब तक दरार बंद नहीं करने देंगे.
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घटना सामने आने के बाद मानसा विधायक डॉ. विजय सिंगला और एसडीएम मंजीत सिंह ने किसानों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. विधायक और एसडीएम ने कहा कि सरकार ने किसानों की खराब हुई फसलों का भी आश्वासन दिया है और मामला जल्द निपटाया जाएगा. इस दौरान कैबिनेट मंत्री चेतन जोरा माजरा के साथ विधायक विजय सिंगला ने भी किसानों से बात की और किसानों को आश्वासन दिया कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी खराब हुई फसलों का सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा.
उधर संगरूर के धुरी में एक बार फिर गन्ना किसान अपनी गन्ना की फसल की खरीद न होने के चलते धरना दे रहे हैं. किसान जहां धरना कर रहे हैं वह पंजाब के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र की गन्ना मिल है. मिल पर आरोप है कि वह किसानों से गन्ना नहीं खरीद रही है. पंजाब में सभी गन्ना मिल 02 दिसंबर को शुरू हो गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र धुरी में लगी निजी गन्ना मिल शुरू नहीं हुई है. किसानों का कहना है कि मिल के आश्वासन पर उन्होंने खेतों में गन्ना लगाया था, लेकिन अब मिल ने गन्ना खरीदने से इनकार कर दिया है. इसके विरोध में किसानों ने लुधियाना-हिसार हाईवे पर चार दिन तक गन्ने का ट्रैक्टर लगाकर विरोध किया था.
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धुरी में 1957 से गन्ना मिल चल रही है. मिल का फायदा देख इलाके के ज्यादातर किसान गन्ने की खेती करते थे. लेकिन किसानों को गन्ने की फसल की बकाया राशि समय पर न मिलने के चलते एरिया में गन्ना कम होता गया. इसी को लेकर इस बार गन्ना मिल शुरू हुई नहीं हुई. किसानों का कहना है कि मिल से आश्वासन मिले कि उनका गन्ना खरीदा जाएगा तभी वे इसकी खेती करेंगे. किसानों ने कहा कि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं होता है, तो वे फिर से हाईवे जाम करेंगे.(संगरूर से बलवंत विक्की का इनपुट)
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