पंजाब सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने की मांग की है. इसके लिए उसने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में पंजाब सरकार ने केंद्र से मांग करते हुए कहा है कि अगले साल से 3284 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद की मंजूरी दी जाए. इसके लिए केंद्र सरकार को एमएसपी में बंपर बढ़ोतरी करनी चाहिए. ताकि किसान अगले मार्केट सीजन में धान बेच कर अधिक से अधिक फायदा कमा सकें.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब सरकार ने पराली के प्रबंधन के लिए भी केंद्र के सामने एक प्रस्ताव रखा है. उसने कहा है कि केंद्र को पराली प्रबंधन के लिए किसानों को धान के एमएसपी में प्रति क्विंटल 100 रुपये अलग से देना चाहिए. खास बात यह है कि यह प्रस्ताव पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के आधार पर भेजा गया है. इसमें इनपुट लागत के आधार पर एमएसपी का प्रस्ताव दिया गया है. दरअसल, राज्य सरकार हर साल खरीफ और रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का प्रस्ताव भेजती है.
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राज्य सरकार ने मांग की है कि वर्ष 2024-25 के लिए धान का एमएसपी 'सामान्य' किस्म के लिए 3,284 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए उपज के लिए 3,324 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाए. पिछले साल पंजाब ने मांग की थी कि धान का एमएसपी बढ़ाकर 3184 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए, लेकिन केंद्र ने 2,183 रुपये प्रति क्विंटल की दर को मंजूरी दी थी. राज्य सरकार ने मांग की है कि केंद्र अगले सीजन के लिए कपास का एमएसपी 10,767 रुपये प्रति क्विंटल तय करे, जबकि पिछले साल उसने 8,860 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मांगी की थी.
बता दें कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है. यहां पर किसान गेहूं के साथ- साथ धान की भी खेती बड़े स्तर पर करते हैं. इस साल किसानों ने करीब 32 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की थी. कृषि अधिकारियों का कहना है कि खरीफ सीजन 2023-24 के दौरान पंजाब में 205 लाख टन से अधिक धान का प्रोडक्शन हो सकता है. जबकि, फसल सीजन 2020-21 में 208 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था, जो आज तक का रिकॉर्ड है. हालांकि, इस साल185 लाख टन से अधिक धान की खरीद पंजाब में हुई है.
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