एक अप्रैल से पंजाब की अनाज मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. हालांकि पहले पहले दिन किसी मंडी में कोई आवक नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में फसल अभी पकनी बाकी है. लुधियाना में जालंधर बाईपास, गिल रोड और खन्ना और जगराओं की अनाज मंडियों में मंगलवार को सन्नाटा पड़ा रहा. फूड एंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट मार्कफेड, पनसप, स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन और भारतीय खाद्य निगम की तरफ से खरीद शुरू होने के बावजूद अनाज मंडियों में कोई उपज नहीं आई.
कृषि विभाग के एक अधिकारी के हवाले से अखबार द ट्रिब्यून ने लिखा है कि अप्रैल के दूसरे हफ्ते में गेहूं की आवक में तेजी आने की उम्मीद है. किसानों ने बताया है कि अभी फसल की कटाई नहीं हुई है क्योंकि हवा में नमी बरकरार है. बैसाखी तक फसल तैयार हो जाएगी. ऐसे में 15 अप्रैल के करीब कटाई में तेजी आएगी. वहीं एक और किसान ने बताया कि खड़ी फसल अभी तक पूरी तरह सूख नहीं पाई है और कटाई में देरी हो रही है.
यह भी पढ़ें-अप्रैल में खेती के लिए बेस्ट है इस सब्जी की स्वर्णा शीतल किस्म, मात्र 40 दिनों में हो जाएगी तैयार
समराला के एक किसान ने बताया कि गेहूं की फसल 10 अप्रैल के बाद मंडियों में आने की संभावना है. हाल ही में हुई बारिश ने कटाई में और देरी कर दी है क्योंकि खड़ी फसल ठीक से सूख नहीं पाई है. इस बीच, जालंधर बाईपास अनाज मंडी में चारों ओर कूड़ा-कचरा फैला हुआ है. बाजार के चारों ओर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं जिससे इस हिस्से के पास से गुजरना असंभव हो गया है. यहां की सड़कें खस्ताहाल हैं जिससे अनाज मंडी आने वालों को परेशानी होती है. जगरांव अनाज मंडी में भी यही हाल है.
यह भी पढ़ें-पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू, 24 घंटे में किसानों के अकाउंट में आएंगे पैसे!
पंजाब में 1864 मंडियों और खरीद केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीदा जाएगा और सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस सीजन में राज्य में 124 लाख टन गेहूं की खरीद की जाएगी. इसके साथ ही पिछले सीजन का पांच लाख टन गेहूं भी स्टॉक में है. ऐसे में पंजाब सरकार के पास टोटल 129 लाख टन गेहूं का स्टॉक रहेगा. अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वो यह सुनिश्चित करें कि जब गेहूं को बिक्री के लिए लाया जाए तो वह पूरी तरह से सूखा हो. अगर गेहूं अच्छी क्वालिटी का नहीं होगा तो फिर किसानों को गारंटी प्राइस से कम पर ही संतोष करना होगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today