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पर्याप्त बारिश न होने की वजह से आलू उत्पादन में गिरावट, जानिए कितना है दाम

पर्याप्त बारिश न होने की वजह से आलू उत्पादन में गिरावट, जानिए कितना है दाम

अहमदनगर, नासिक, पुणे, सोलापुर, सांगली और मराठवाड़ा क्षेत्र सहित राज्य के कई हिस्सों में आलू का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है. किसान सूखे और कम पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में आलू उत्पादन को प्राथमिकता देते हैं. इसे आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर में लगाया जाता है और फरवरी और मार्च के महीनों में निकाला जाता है.

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आलू के उत्पादन में आई गिरावट आलू के उत्पादन में आई गिरावट

महाराष्ट्र में इस साल पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण कई फसलों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन सबसे ज्यादा आलू के उत्पादन असर पड़ा है. अहमदनगर जिले के किसानों का कहना है कि पानी की कमी के कारण इस वर्ष आलू का उत्पादन 35 से 40 फीसदी तक कम हो गया है. हालांकि, बाजार में आलू की कीमत पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अच्छी मिल रही है. लेकिन जब किसानों के पास आलू स्टॉक ही नहीं है तो फिर अच्छी कीमत का भी कुछ खास फायदा नहीं मिलेगा. किसानों को कहीं न कहीं नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि फसल खराब हो गई है. 

अहमदनगर जिले के भालगांव, राहता और कोपरगांव क्षेत्र, जो सूखा बेल्ट हैं वहां आलू की अधिक खेती होती है. कई क्षेत्रों में आलू, गन्ना तथा अन्य फसलों की सह फसलीकरण भी किया जा रहा है. सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कई स्थान आर्थिक रूप से आलू की फसल पर निर्भर हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों के किसान परेशान हैं. क्योंकि वो मुख्य रूप से इसी की खेती पर निर्भर हैं.

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इन क्षेत्रों में होती है खेती

अहमदनगर, नासिक, पुणे, सोलापुर, सांगली और मराठवाड़ा क्षेत्र सहित राज्य के कई हिस्सों में आलू का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है. किसान सूखे और कम पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में आलू उत्पादन को प्राथमिकता देते हैं. इसे आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर में लगाया जाता है और फरवरी और मार्च के महीनों में निकाला जाता है.

किसान ने क्या कहा?

किसान गोरक्षनाथ खेड़कर बताते हैं कि इस वर्ष प्रारंभ से ही पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है. इन क्षेत्रों में आलू बड़ी मात्रा में पैदा होता है, लेकिन इस साल अच्छी बारिश नहीं हुई जिसके कारण खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं रहा. इसके चलते कई किसानों ने उपलब्ध जल की योजना बनाकर आलू की खेती की थी,लेकिन पानी की कमी के कारण उत्पादन 30 से 40 प्रतिशत तक प्रभावित हुआ है. 

बाजार में मिल रहा है अच्छा दाम 

फरवरी और मार्च माह में आलू का उत्पादन अपेक्षाकृत अधिक होता है. फिलहाल इस समय प्रतिदिन प्रत्येक बाजार समिति को 200 से लेकर 1000 क्विंटल तक आवक हो रही है. ऐसे में किसानों को आलू का दाम 600 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है. किसान कह रहे हैं कि यह रेट पिछले साल की तुलना में अच्छा है. लेकिन सभी किसानों को इसका लाभ नहीं हो रहा हैं, क्योंकि आलू उत्पादन में भारी गिरावट आई है.

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