फसल नुकसान की जानकारी 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को नहीं देने के कारण किसान अक्सर पीएम फसल बीमा योजना से वंचित रह जाते हैं. लेकिन महाराष्ट्र सरकार किसानों की सहूलियत के लिए सूचना देने का वक्त बढ़वाना चाहती है. राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा है कि अब राज्य सरकार केंद्र से 72 घंटे की अवधि को बढ़ाकर 92 घंटे करने का अनुरोध करेगी. सरकार अगर ऐसा फैसला लेती है तो किसानों को काफी फायदा होगा. मुंडे ने कहा कि मैंने भी कई वर्षों तक किसानों के मुद्दों के लिए लड़ाई लड़ी है, इसलिए बीमा कंपनी को सूचना देने की अवधि 72 घंटे से आगे बढ़वाना चाहिए. वह केंद्र सरकार से बात करेंगे.
भारी बारिश और बाढ़ से फसलों के नुकसान के बाद किसानों को अक्सर बीमा कंपनी के नियमों के अनुसार 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट करना आवश्यक होता है. इसलिए कई जन प्रतिनिधियों और किसानों का कहना है कि इस समय को बढ़ाया जाना चाहिए. किसानों की इसी मांग को धनंजय मुंडे उठा रहे हैं. पीएम फसल बीमा योजना में अक्सर कई बदलावों की मांग उठती रहती है, जिसमें से यह मुद्दा काफी अहम है.
पिछले साल भारी बारिश के कारण फसल बर्बाद होने के बाद बुलढाणा जिले में लगभग 3 लाख किसान फसल बीमा के पात्र थे. लेकिन, 72 घंटे के अंदर फसल क्षति की सूचना नहीं देने या अन्य कारणों से करीब 11 हजार से ज्यादा किसानों को बीमा कंपनी के नियमानुसार बीमा नहीं मिला. तो, कुछ को बड़ी बीमा राशि मिली. विधानसभा में कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने आश्वासन दिया कि पूरी क्षति रिपोर्ट की दोबारा जांच की जाएगी.
इस अवसर पर धनंजय मुंडे ने बुलढाणा जिले के किसानों द्वारा भुगतान की गई बीमा की कुल राशि, उन्हें प्राप्त राशि आदि के आंकड़े सभागृह में प्रस्तुत किए. साथ ही यह भी घोषणा की गई कि विभाग को दोबारा जांच करने का निर्देश दिया गया है कि 11 हजार किसानों को क्यों बीमा का लाभ नहीं मिला.
धनंजय मुंडे ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष राज्य में किसानों के लिए फसल बीमा करवाने का प्रीमियम मात्र एक रुपये तय किया है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना से जुड़ जाएं और उन्हें प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सुरक्षा कचव मिले. इसके माध्यम से अब तक 1 करोड़ 14 लाख किसानों ने अपना बीमा करवाया है.
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खाद के साथ-साथ बीज और कीटनाशकों के उत्पादन और बिक्री में भी फर्जीवाड़ा कर किसानों को चूना लगाया जाता है. नकली सामान बेच दिया जाता है. इस पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार एक नया सख्त कानून ला रही है और उस कानून को बनाने का काम चल रहा है. कानून को बनाते समय कृषि सेवा केंद्रों के संघ, व्यापारियों के संघ, डीलर्स और विभिन्न विशेषज्ञों से भी सलाह ली जा रही है. मुंडे ने कहा है कि इस कानून को इस तरह से बनाया जा रहा है कि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं होगा और कानून में कोई त्रुटि नहीं होगी.
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