उपभोक्ता मामलों के सचिव ने केंद्रीय राज्य मंत्री भारती पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य मंत्रियों के उस दावे का खंडन किया है कि जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र ने प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. महाराष्ट्र प्याज उत्पादन का गढ़ है, इसलिए यहां के किसान, ट्रेडर और एक्सपोर्टर मांग कर रहे हैं कि इस मुद्दे पर एक स्पष्टीकरण आना चाहिए कि मंत्रियों और मुख्यमंत्री ने एक्सपोर्ट बैन खत्म होने वाली बात क्यों की. उन्होंने सरकार से प्याज की कीमतों और आपूर्ति में उतार-चढ़ाव को और अधिक नुकसान रोकने के लिए अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया है. सरकार के हस्तक्षेप की वजह से प्याज की खेती करने वाले किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है. इसलिए वो सरकार के रुख की वजह से गुस्से में हैं.
पिछले कुछ दिनों में, नासिक में डिंडोरी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली भारती पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके अन्य कैबिनेट सहयोगियों सहित राजनेताओं ने दोहराया कि केंद्र ने प्याज पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है. इनके बयान अखबारों में भी छपे. लेकिन बाद में बताया गया कि एक्सपोर्ट बैन हटा ही नहीं है. फिलहाल, कई मंडियों में प्याज का न्यूनतम दाम 2-4 रुपये प्रति किलो के निचले स्तर पर आ गया है. किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार और उसके लोग किसानों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं.
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पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि प्रतिबंध हटाया जा सकता है. लेकिन केंद्र ने स्पष्ट किया कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध 31 मार्च तक जारी रहेगा. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि प्रतिबंध यथावत रहेगा. घरेलू उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 8 दिसंबर, 2023 से इस साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
महाराष्ट्र प्याज उत्पा़दक संघ के अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि एक्सपोर्ट बैन को वापस नहीं लिया गया उसके बाद भी केंद्रीय मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने इसकी अफवाह उड़ा दी. प्याज किसान एकजुट हैं और हम सरकार को अपनी ताकत दिखाएंगे. एक्सपोर्ट बैन करने की वजह से किसानों की स्थिति खराब हो गई है. किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है. नेताओं और मंत्रियों को बताना चाहिए कि उन्होंने इस मुद्दे पर किसानों को गुमराह क्यों किया.
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शेतकारी संगठन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रतिबंध हटाने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की, जबकि मंत्रियों ने इसकी अफवाह उड़ा दी. असल में सरकार उन किसानों की भावनाओं के साथ खेल रही है, जिन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है. किसान नेताओं ने एक्सपोर्ट बैन हटने की खबर फैलाने वाले नेताओं को आड़े हाथों लिया. महाराष्ट्र कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष रहे पाशा पटेल ने कहा कि गलत आंकड़ों और बाजार में कमी की निराधार आशंकाओं पर सरकार ने प्याज निर्यात को बंद किया है.
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