International Tea Day: इन 11 क‍िस्मों की चाय का दुन‍ियाभर में जलवा, स्वाद में है 'जादू'

International Tea Day: इन 11 क‍िस्मों की चाय का दुन‍ियाभर में जलवा, स्वाद में है 'जादू'

चाय दुनिया भर में सबसे आम पेय पदार्थों में से एक है. ज‍िस चाय का प्रयोग हम पेय बनाने के ल‍िए करते हैंं, मूलत: वह प्राकृतिक रूप से ही उगाई जाती है. लेक‍िन मौजूदा समय में हर्बल चाय की मांग भी बढ़ी है, जो सूखे मेवों, फूलों या जड़ी-बूटियों से बनाई जाती है. आईये इंटरनेशनल टी डे पर देश-व‍िदेश में प्रचल‍ित चाय के बारे में जानते हैं.

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International Tea Day: इन 11 क‍िस्मों की चाय का दुन‍ियाभर में जलवा, स्वाद में है 'जादू'   अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर जाने इन 12 प्रकार के मजेदार चायों की खूबियां, फोटो साभार: freepik

चाय दुनिया भर में सबसे आम पेय पदार्थों में से एक है. चाय की पत्तियों को आमतौर पर प्राकृतिक रूप से ही उगाया जाता है. लेक‍िन, मौजूदा समय में हर्बल चाय भी बाजार में हैं, जो सूखे मेवों, फूलों या जड़ी-बूटियों से तैयार होती है. कुल म‍िलाकर देश-व‍िदेश में अलग-अलग चाय प्रचल‍ित हैं.आइये International Tea Day (2019 से पहले 15 द‍िसंबर को ही मनाया जाता था,UN ने 2019 में 21 मई को चाय द‍िवस के तौर पर घोष‍ित क‍िया, लेक‍िन, अभी भी एश‍िया के कई देश इसी द‍िन को सेलि‍ब्रेट करते हैं ) पर देश-व‍िदेश में प्रचल‍ित चाय के पत्तियों की यात्रा करते हैं. अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मौके पर देश-व‍िदेश में लोकप्र‍िय 11 प्रकारों की चायों के बारे में जानकारी लेते हैं.   
 

  1.  बैंगनी चाय: पर्पल टी एक अलग तरह की चाय है, जिसका पत्ता हरे रंग की जगह बैंगनी रंग का होता है. माना जाता है कि यह दुर्लभ चाय का उत्पादन केन्या में होता है.हालांक‍ि ये चाय अब भारत में भी उपलब्ध है अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग जिले को इस दुर्लभ चाय का हब कहा जाता है. पर्पल टी को बनाने की प्रक्रिया ग्रीन टी बनाने के समान ही होता है. लेकिन इसका स्वाद ग्रीन टी के मुकाबले बेहतर होता है. इसमें कैफीन कम होता है और यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. पर्पल टी सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है.
  2.  ऑरेंज पेको चाय: यह चाय सबसे शुरुआती निकलने वाली कोमल पत्तियों वाली चाय होती है. जिसे नई फल्स चाय के रूप में भी जाना जाता है. यह चाय भारत और श्रीलंका में पाया जाता है. इन पत्तियों की चाय बिना दूध के भी बहुत स्वादिष्ट होती है. इसमें विटामिन, मिनरल, फाइबर, कैफीन, एंटीऑक्सीडेंट और एनिमों एसिड पाए जाते हैं. यह चाय बहुत सारी बीमारियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती है.
     
  3. मक्खन या तिब्बती चाय: यह एक नमकीन चाय होती है जिसका सेवन लद्दाख, तिब्बत और भूटान में किया जाता है. और इस चाय की पत्तियों को हिमालयन नमक और याक के मक्खन को मिलाकर बनाया जाता है. तिब्बत में इस चाय को 'पो चा' के नाम से भी जाना जाता है. इस चाय में बहुत कम मात्रा में दूध और चाय का उपयोग होता है. यह सूजन को कम करने और रक्त परिसंचरण में सुधार करती है.
     
  4.  सफेद चाय: इसकी कच्ची हल्की और विशेष प्रकार की प्राकृतिक मिठास के कारण इसे सबसे अच्छी  प्राकृतिक चाय माना जाता है. इसका हल्का मीठा स्वाद काफी अच्छा होता है. इसमें कैफीन सबसे कम और एंटीऑक्सीडेंट सबसे ज्यादा होता है. इस चाय में स्वास्थ्य लाभ का खजाना होता है. व्हाइट टी को ज्यादातर सुपर-प्रीमियम और टॉप रैंकिंग में रखा जाता है.
  5.  दार्जिलिंग चाय: दार्जिलिंग चाय को चाय का शैम्पेन भी कहा जाता है. इसके चाय की पत्तियों को हर मौसम में इकट्ठा किया जाता है. इसकी पत्तियों में एक आकर्षक फूलों कि छाया होती है. इस चाय की पत्तियां हरी, काली और सफेद रंग की होती है. दार्जिलिंग चाय बिना मसालों के बेहतरीन स्वाद देती है. इस चाय में चीनी और दूध की भी जरूरत नहीं पड़ती है. ब्रिटिश की महारानी की यह चाय पहली पसंद थी.
  6.  असम की चाय: जब भी हाई क्वालिटी चाय की बात होती है तो उसमें असम की चाय जरूर होती है. असम की चाय में एक अलग सा स्वाद होता है जो सीजन के हिसाब से बदलता है. यानि गर्मी में उगने वाली पत्तियों और बसंत में उगने वाली पत्तियों अलग स्वाद होता है. असम की चाय आमतौर पर दूध और स्वीटनर के साथ पी जाती है. इस चाय को पीने से एक खट्टा और गहरा अनुभव आता है. इसमें टैनिन की मात्रा अधिक होती है. टैनिन स्वाद में स्वाभाविक रूप से कड़वा होता है.
  7.  असम ग्रीन टी: इस ग्रीन टी में वनस्पति और धुएं जैसा स्वाद होता है. इस चाय को बिना दूध के ही बनाना चाहिए. यह चाय एंटी ऑक्सी डेन्ट के साथ-साथ सूजन को भी कम करता है. इसका रोज इसका सेवन करने से पेट की चर्बी कम हो जाती है. असम ग्रीन टी सबसे प्रीमियम चाय में से एक है
  8. डर्टी चाय लट्टे: मसाला चाय में डाले जाने वाले एस्प्रेसो शॉट को डर्टी चाय लट्टे इस भयंकर नाम से जाना जाता है. यह 1990 के दशक में इंग्लैंड में बनाया गया था. जब एक अमेरिकी पर्यटक को चाय लट्टे में गलती से एस्प्रेसो शॉट जोड़ा गया और ये उस यात्री को पसंद आ गया. तब से इस चाय की काफी लोकप्रियता बढ़ी है. इस चाय का स्वाद हल्का कॉफी जैसा होता है और यह चिकना और दूधिया होता है. इसका सुगंध मसालेदार होता है.
  9. ईरानी चाय: इस चाय को पारसी प्रवासियों द्वारा ब्रिटिश भारत में पेश किया गया था, भारत में इसे हैदराबादी दम चाय के नाम से भी जाना जाता है. इसे काली चाय में मावा या खोया मिलाकर बनाया जाता है. इस चाय को आमतौर पर मीठे- नमकीन बिस्कुट के साथ पिया जाता है. ईरानी चाय को पीने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा नहीं रहता है. यह चाय हड्डियों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है.
  10. जापानी चाय: यह चाय को जापान में सौंदर्य के दृष्टी से बनाया जाता है. इस चाय को जापान में अतिथि देवो भव: के रूप में देखा जाता है. इस चाय को जापान में माचा चाय के नाम से भी जाना जाता है. यह एक पाउडर की बनी हुई ग्रीन टी होती है. इसमें हल्का अम्लीय स्वाद होता है और ये चाय पतला और झागदार होती है. यह चाय जापान के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाती है. 
  11. ओलोंग चाय: ओलोंग एक सेमी-ऑक्सीडाइज़्ड चाय होता है. जो काली चाय की तुलना में थोड़ी कम होती है. चीन और जापान की यह महत्वपूर्ण चाय है. ग्रीन टी की तरह ही ओलोंग चाय मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. यह काली और हरी चाय दोनो का मिश्रण है. इस चाय को चिंता और तनाव को कम करने और नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किया जाता है. जो लोग मीठा कप पसंद करते हैं इनके लिए ये चाय काफी अच्छा होता है.
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