वाराणसी में आयोजित रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 में शामिल हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाहीवाराणसी और मिर्जापुर मंडल की संयुक्त मंडलीय रबी उत्पादन गोष्ठी-2025 का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही उपस्थित हुए. गोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य कृषि निवेशों की व्यवस्था तथा कृषि में तकनीकी पक्ष को बढ़ावा देना है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा कहा गया कि वर्तमान में केंद्र तथा प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं के निवारण हेतु लगातार प्रयास कर रही है. पिछले 11 साल में डीएपी के दामों को बढ़ने नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों को लगातार बीज तथा खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है.
कृषि मंत्री ने मंडलायुक्त वाराणसी तथा मिर्जापुर को सरकारी केंद्रों पर उपलब्ध बीज वितरण में धीमी गति को देखते हुए किसानों को अनुदानित बीज वितरण का लाभ सुनिश्चित किया जा सके. सरकार का लगातार प्रयास है कि हम समय से 25 नवंबर तक गेहूं की बुवाई सुनिश्चित करें ताकि फसल का उचित उत्पादन सुनिश्चित हो. वहीं जायद, खरीफ की फसल की बुवाई समय से करने का चक्र शुरू करें तभी हम अपनी उत्पादकता को बढ़ा सकेंगे. उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जागरूकता से वहां का कृषि चक्र सही है इसलिए वहां उत्पादकता का स्तर पूरब से ज्यादा होती है. हम लगातार प्रयास करें की फसलों को उनके उचित समय पर बोना सुनिश्चित करें.
शाही ने आगे कहा कि आज प्रदेश के सरसों की उपज 36 लाख मीट्रिक टन होना सुनिश्चित हुआ है जो पहले की सरकारों में 14 लाख मीट्रिक टन था. लगातार सरकार किसानों के कल्याणार्थ सभी संभव प्रयास विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कर रही है. प्राइमरी सेक्टर की जीडीपी कोविड काल में भी मेंटेन रही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रयास है कि सभी क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. आज हमारा खाद्यान्न का भंडारण पर्याप्त मात्रा में है. हम अभी भी दाल, तेल हेतु आयात पर निर्भर हैं, इस तरफ सबको सोचना होगा हम दलहन, तिलहन को बढ़ावा दें. किसान गन्ना खेतों में उपलब्ध जमीनों पर सरसों बोना सुनिश्चित करें.
कृषि मंत्री शाही बताते हैं कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में ऊर्वरक की उपलब्धता है. वर्तमान में सरकार के पास 12.5 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है. उन्होंने सभी सीडीओ को अपने जिलों की उर्वरक उपलब्धता जांचने को कहा. वहीं दलहन और तिलहन में एनपीके का प्रयोग जरूर होना सुनिश्चित हो. हम वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए ऊर्वरक मात्रा को ही डालें, ज्यादा उर्वरक प्रयोग से भूमि की उत्पादकता खत्म होगी. किसानों को प्राकृतिक खेती पर जरूर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने मंडलायुक्त को धान खरीद केंद्र जल्द खोले जाने के लिए भी निर्देशित किया. सरकार की लगातार भावना है किसान उन्नति के नए आयाम छुए. जहां चना, मसूर की भी खरीद क्रय केंद्रों पर होगी. उत्तर प्रदेश श्रीअन्न पुनरोद्धार योजना के अंतर्गत मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री द्वारा एक लाख करोड़ रुपए कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है. सरकार का लगातार प्रयास है कि दुनिया के लोगों की थाली में भारत का अन्न दिखाई दे ऐसा प्रयास हम सभी लगातार करना सुनिश्चित करें यही हम सबका प्रयास होना चाहिए.
इस मौके पर कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर समीक्षा, कृषि उन्नति के प्रमुख उपायों समेत विभिन्न योजनाओं को कहा गया. उन्होंने कहा कृषि में मौजूद समस्याओं के समाधान को पूरा प्रयास किया जायेगा. वहीं खाद्य प्रसंस्करण में मौजूद संभावनाओं का लाभ लेने हेतु सभी को प्रेरित किया. एपीसी ने कहा कि जल्द ही विभाग बैंकों के साथ एक बैठक करके कृषि निवेश में आने वाली दिक्कतों के समाधान का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने डीएसआर पद्धति से धान बुवाई पर सब्सिडी देने के लिए विचार करने को कहा. जबकि फॉर्मर रजिस्ट्री में लेखपाल छोटी दिक्कतों को सही करने के निर्देश दिए.
कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार कहा यूपी एग्रीज प्रोजेक्ट्स में फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयास किया गया है. उधर, प्रमुख सचिव सहकारिता सौरभ बाबू ने कहा वर्तमान में 6900 से बढ़कर 8100 सहकारी समितियों का गठन हो चुका है. उन्होंने बताया कि समितियों से इफको की खाद लेने पर बीमा की सुविधा भी उपलब्ध होती है जिसमें किसानों को दुर्घटना के समय एक लाख रुपए की मदद की जाती है. अपर सचिव उद्यान बीएल मीणा द्वारा फूड प्रोसेसिंग यूनिट, मिलेट्स प्रोसेसिन यूनिट, विभाग की योजनाओं जिसमें सब्सिडी दी जा रही समेत सोलर फेंसिंग की सुविधाओं आदि की जानकारी दी गयी.
सचिव कृषि इंद्र विक्रम सिंह द्वारा भी विभाग की विभिन्न योजनाओं समेत किसानों द्वारा उल्लेखित विभिन्न प्रश्नों के जवाब तथा उनके समाधान बताये गए. बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत वाराणसी जनपद में 4300 किसानों द्वारा बीमा क्लेम किया गया था जिनको लगभग 99 लाख रुपए का लाभ दिया गया है.
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