मध्य प्रदेश सरकार ने मिलिंग रेट को बढ़ाने की प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही प्रति क्विंटल रेट में भी बढ़ोत्तरी हो गई है. राज्य सरकार के इस फैसले से मौजूदा सीजन के लिए चल रही धान खरीद प्रक्रिया में तेजी आएगी और किसानों को भी फायदा मिलेगा. इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत चावल की आपूर्ति की जा सके.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में धान खरीद और मिलिंग रेट को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. खरीफ मार्केटिंग वर्ष 2023-24 में प्रदेश में खरीद जा रही धान की मिलिंग के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन और अपग्रेडेशन राशि को स्वीकृति दे दी है. निर्णय अनुसार मिलिंग राशि 10 रूपये प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन राशि 50 रूपये प्रति क्विंटल प्रदान की जायेगी.
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने 20 फीसदी चावल डिलीवरी एफसीआई को करने पर मिलर्स को 40 रूपये प्रति क्विंटल दाम मिलेगा. अगर 40 फीसदी चावल डिलीवरी एफसीआई को करने पर 120 रूपये प्रति क्विंटल अपग्रेडेशन राशि देने को मंजूरी दी गई है.
मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खरीफ मार्केटिंग साल 2023-24 में खरीदी जा रही धान की मिलिंग के लिए प्रोत्साहन और अपग्रेडेशन राशि में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी को स्वीकृति दी गई है. उन्होंने कहा कि धान मिलिंग राशि 10 रुपये प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन राशि 50 रुपये प्रति क्विंटल दी जाएगी. उन्होंने कहा कि धान मिलिंग की राशि को लेकर जो इश्यू काफी दिनों से चल रहा था उसको लेकर राज्य सरकार ने फैसला लिया है. मिलिंग राशि और प्रोत्साहन राशि अपग्रेडेशन को मंजूरी दी है.
राज्य सरकार के फैसले से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत चावल की आपूर्ति करने में आसानी होगी. जबकि, राज्य की जरूरत से ज्यादा होने पर सरप्लस चावल की मात्रा को केंद्रीय पूल के लिए डिलीवर किया जा सकेगा. इसके अलावा किसानों से खरीदी जा रही धान की मिलिंग में तेजी आयेगी. इससे मंडियों में किसानों की जमा धान के मौसम से खराब होने की चिंताओं से मुक्ति मिलेगी.
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