बिहार-यूपी से सस्ता धान खरीदकर महंगा बेच रहे मिलर्स, CMR नीति का गलत इस्तेमाल कर सरकार को लगा रहे चूना 

बिहार-यूपी से सस्ता धान खरीदकर महंगा बेच रहे मिलर्स, CMR नीति का गलत इस्तेमाल कर सरकार को लगा रहे चूना 

करनाल जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश और बिहार से धान की आवाजाही का खुलासा किया है. कुछ मिलर्स बिहार और यूपी से सस्ता धान खरीदकर उसे महंगी धान किस्म परमल में मिलाकर ऊंचे दाम में बेचने के लिए कस्टम मिल्ड राइस नीति का गलत फायदा उठा रहे हैं.

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बिहार-यूपी से सस्ता धान खरीदकर महंगा बेच रहे मिलर्स, CMR नीति का गलत इस्तेमाल कर सरकार को लगा रहे चूना करनाल जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश और बिहार से धान की आवाजाही का खुलासा किया है.

हरियाणा के कुछ मिलर्स उत्तर प्रदेश और बिहार से सस्ती धान खरीदकर उसे महंगे दाम में बेचने के लिए घपलेबाजी में जुटे हुए हैं. ऐसे कुछ मामले बीते कुछ सप्ताह में हरियाणा के करनाल में सामने आए हैं, जिससे यह पुख्ता हुई है. दरअसल, सस्ते दाम में खरीदी गई धान को सीएमआर नीति के तहत सरकार को महंगे दाम में खपाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में राज्य में सीएमआर नीति के पालन कराने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. 

हरियाणा में कस्टम मिल्ड राइस यानी सीएमआर नीति के तहत मिलर्स को 2300 रुपये और 2320 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर परमल धान आवंटित की जाती है. इसे कस्टम मिल्ड राइस यानी अन्य धान किस्मों के साथ मिलाकर प्रॉसेस करने के बाद चावल बनाकर 67 फीसदी सरकारी एजेंसियों को देना होता है. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने आरोप लगाया कि कुछ मिलर्स बिहार और यूपी से सस्ता धान खरीदकर उसे महंगी धान किस्म परमल में मिलाकर ऊंचे दाम में बेचने के लिए व्यवस्था का गलत फायदा उठा रहे हैं.

करनाल जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश और बिहार से धान की आवाजाही का खुलासा किया है. हरियाणा में मिलों पर यूपी बिहार की सस्ती धान पहुंचने के मामले दर्ज किए गए हैं. दोनों राज्यों से धान से लदे ट्रक अक्सर मेरठ रोड पर देखे जाते हैं, जो हरियाणा की मिलों में धान ले जाते हैं. सूत्रों के अनुसार इन राज्यों से सस्ते दामों पर खरीदा गया धान कस्टम मिल्ड राइस यानी सीएमआर नीति के तहत सरकार को देकर बड़ा घपला  किया जा सकता है. 

मिल में 3 हजार क्विंटल बेनामी स्टॉक मिला 

करनाल जिला प्रशासन ने निरीक्षण के दौरान एक चावल मिल में बिहार का धान पाया, जिससे सीएमआर नीति के अनुपालन पर सवाल उठे हैं. मोहद्दीनपुर में औचक निरीक्षण के दौरान जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी (डीएमईओ) और नायब तहसीलदार सौरभ चौधरी के नेतृत्व में एक टीम को मिल के अंदर बिहार से आए परमल धान के दो ट्रक मिले. इसके बाद गहनता से जांच की गई तो टीम को मिल के अंदर बिहार से आए करीब 3,000 क्विंटल धान का अतिरिक्त स्टॉक मिला. 

अवैध स्टॉक का दस्तावेज नहीं दिखा सका मिल संचालक 

प्रशासनिक टीम ने कहा कि मिल मालिक स्टॉक के लिए जरूरी दस्तावेज पेश नहीं कर सके और मिल में लगे सीसीटीवी कैमरे भी काम नहीं कर रहे थे. इसके अलावा धान की बोरियों पर कोई टैगिंग नहीं थी, जो सीएमआर नीति का उल्लंघन है. मिल मालिक ने दो ट्रकों के लिए बाजार शुल्क और हरियाणा ग्रामीण विकास निधि का भुगतान किया था, लेकिन वहां पड़े शेष स्टॉक के लिए कोई दस्तावेज मिल मालिक नहीं दिखा सका. 

बिहार से धान लेकर आया ट्रक रास्ते में पकड़ा 

रिपोर्ट के अनुसार जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी सौरभ चौधरी ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) के मुख्य प्रशासक, उपायुक्त करनाल और अतिरिक्त उपायुक्त को सौंप दी है. उन्होंने कहा कि निरीक्षण टीम ने सड़क पर बिहार से आया धान से भरा एक ट्रक पकड़ा है. पूछताछ के बाद चालक ने बताया कि वह बिहार से धान लेकर आया है और कुटैल स्थित एक मिल में जा रहा है. घरौंडा मार्केट कमेटी के सचिव को मिल के रिकॉर्ड और स्टॉक का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं.

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