मक्का की बंपर बुवाई से चमका खरीफ 2025, मोटे अनाज की खेती को मिली रफ्तार

मक्का की बंपर बुवाई से चमका खरीफ 2025, मोटे अनाज की खेती को मिली रफ्तार

खरीफ 2025 में मक्का की खेती में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इथेनॉल और पशु चारे की बढ़ती मांग के चलते किसानों ने श्री अन्न यानी पोषण अनाज की ओर रुख किया है. जानिए किस राज्य में कैसी है स्थिति और भविष्य की क्या हैं संभावनाएं.

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मक्का की बंपर बुवाई से चमका खरीफ 2025, मोटे अनाज की खेती को मिली रफ्तारमक्का की खेती में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

खरीफ 2025 के मौसम में पोषण अनाज, जिसे श्री अन्न भी कहा जाता है, की खेती में पूरे देश में वृद्धि देखने को मिल रही है. खासकर मक्का की खेती में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. मक्का को सरकार ने ₹2,400 प्रति क्विंटल का अच्छा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया है, जिससे किसानों का मनोबल बढ़ा है. इसके अलावा, इथेनॉल और पशु चारे की मांग भी मक्का की खेती को बढ़ावा दे रही है.

मक्का की खेती में भारी बढ़ोतरी

5 सितंबर 2025 तक देश में ज्वारी, बाजरा, रागी जैसे अन्य अनाजों के साथ मिलाकर कुल 191.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पोषण अनाज की खेती हुई, जो पिछले साल के 179.62 लाख हेक्टेयर से काफी ज्यादा है. मक्का की खेती सबसे ज्यादा बढ़ी है, जो इस बार 94.62 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल यह 84.30 लाख हेक्टेयर थी.

मक्का की मांग और इस्तेमाल

कंपाउंड पशु चारा निर्माता संघ के अध्यक्ष दिव्या कुमार गुलाटी ने बताया कि देश की 36 मिलियन टन मक्का की उत्पादन में से करीब दो-तिहाई पशु चारे में इस्तेमाल होगी. इसके अलावा, इथेनॉल उद्योग को भी 8-9 मिलियन टन मक्का की जरूरत होती है. आने वाले वर्षों में इन दोनों क्षेत्रों में मक्का की मांग तेजी से बढ़ेगी.

अन्य पोषण अनाज का हाल

ज्वारी की खेती थोड़ी बढ़कर 14.05 लाख हेक्टेयर हुई है, जबकि रागी की खेती 9.84 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है. बाजरा की खेती में थोड़ा गिरावट आई है और यह 67.89 लाख हेक्टेयर रह गई है. इस तरह किसान बाजार की मांग और मौसम के अनुसार अपनी फसलें चुन रहे हैं.

कर्नाटक में मक्का और रागी की बढ़ोतरी

कर्नाटक में मक्का की खेती इस साल तेजी से बढ़ी है. मक्का का क्षेत्रफल 18.27 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि लक्ष्य 15.50 लाख हेक्टेयर था. किसान मक्का को पसंद कर रहे हैं क्योंकि इसकी कीमतें अच्छी हैं. वहीं, रागी की खेती भी बढ़ी है, लेकिन छोटे अनाजों की खेती कम हुई है.

महाराष्ट्र में बाजरा का हाल खराब

महाराष्ट्र में बाजरा और ज्वारी की खेती कम हुई है. बाजरा का क्षेत्रफल 32,000 हेक्टेयर तक गिर गया है, जबकि मक्का की खेती में 14.53 लाख हेक्टेयर तक की बढ़ोतरी हुई है. यहां किसान मक्का को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं.

गुजरात में बाढ़ से बाजरा की फसल खराब

गुजरात में बाजरा की खेती थोड़ी बढ़ी है, लेकिन वहां के कुछ इलाकों में भारी बाढ़ की वजह से नुकसान भी हुआ है. ज्वारी की खेती में 40% की गिरावट आई है और मक्का की खेती में भी थोड़ी कमी देखी गई है.

तेलंगाना में बारिश से अच्छी फसल की उम्मीद

तेलंगाना में इस साल अच्छी बारिश हुई है, जिससे खरीफ फसल के लिए अनुकूल माहौल बना है. यहां मक्का की खेती 2.58 लाख हेक्टेयर हुई है, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा है.

मक्का उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि

देश में मक्का का उत्पादन 2024-25 में 422.81 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 376.65 लाख टन से अधिक है. मध्यप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार और तेलंगाना प्रमुख मक्का उत्पादक राज्य हैं.

कीमतों का रुख और बाजार की स्थिति

सितंबर 2025 में मक्का की कीमत ₹2,420 से ₹2,590 प्रति क्विंटल के बीच रहने का अनुमान है. विभिन्न राज्यों में कीमतें बाजार की मांग और आपूर्ति के अनुसार बदल रही हैं.

भविष्य की उम्मीदें

2025-26 में मक्का का उत्पादन 43 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले साल से 2% ज्यादा है. किसानों और उद्योग जगत दोनों के लिए मक्का की मांग आने वाले समय में और बढ़ेगी.

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