Onion Price: महाराष्‍ट्र में प्‍याज किसानों ने दी फडणवीस सरकार को चेतावनी, हाइवे को किया ब्‍लॉक 

Onion Price: महाराष्‍ट्र में प्‍याज किसानों ने दी फडणवीस सरकार को चेतावनी, हाइवे को किया ब्‍लॉक 

एशिया की सबसे बड़ी प्याज थोक मंडी लासलगांव में बेहतरीन गुणवत्ता वाला प्याज करीब 900 रुपये प्रति क्विंटल बिका. मालेगांव में किसानों के एक और समूह ने आंदोलन किया. किसानों ने कहा कि बारिश ने हमारा सब कुछ छीन लिया है. अच्छी कीमत पर प्याज बेचने से हमें अपने बच्चों की पढ़ाई, इलाज, शादी-ब्याह और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सकती थी. मौजूदा हालात किसानों को कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर सकते हैं.

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Onion Price: महाराष्‍ट्र में प्‍याज किसानों ने दी फडणवीस सरकार को चेतावनी, हाइवे को किया ब्‍लॉक महाराष्‍ट्र में प्‍याज किसानों का बड़ा आंदोलन (फाइल फोटो)

महाराष्‍ट्र में प्‍याज के किसान सरकार से खासे नाराज हैं और उन्‍होंने अपनी नाराजगी को प्रदर्शित करने के लिए सड़क जाम करके प्रदर्शन किया. शनिवार को प्याज किसानों ने सरकारी एजेंसियों की ओर ये जून में खरीदे गए प्याज को बाजार में बेचने के विरोध में येओला और मालेगांव में सड़क जाम करके आंदोलन किया. किसानों का कहना था कि जबकि खुदरा कीमतें पहले से ही कम हैं और इस समय ये 12 रुपये प्रति किलो या उससे भी कम पर बिक रहा है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इससे थोक कीमतें लगभग 5 रुपये प्रति किलो तक गिर गई हैं. 

'कीमतें नहीं बढ़ना निराशाजनक' 

प्‍याज के किसानों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने सुधारात्मक कदम नहीं उठाए तो वे आंदोलन तेज करेंगे. अपनी उपज के उचित मूल्य की मांग को लेकर, प्याज किसानों ने शनिवार को नासिक-छत्रपति संभाजीनगर राजमार्ग को दो घंटे और मालेगांव-सूरत राजमार्ग को करीब एक घंटे तक जाम रखा. येओला में प्रहार शेतकारी संगठन की जिला इकाई के प्रमुख गणेश निंबालकर ने कहा, 'भावनाएं बहुत ऊंची हैं. किसानों ने प्रकृति की मार झेलते हुए गर्मियों में प्याज की खेती की. उन्होंने प्याज का भंडारण इस योजना के साथ किया कि वे इसे उचित समय पर बेचेंगे जब बाजार मूल्य 30 रुपये प्रति किलो के उचित स्तर पर पहुंच जाएगा. लेकिन सरकारी हस्तक्षेप के कारण कीमतें नहीं बढ़ पा रही हैं और यह किसानों के लिए निराशाजनक है.' 

तो उठाने पड़ेंगे कड़े कदम 

शनिवार को, एशिया की सबसे बड़ी प्याज थोक मंडी लासलगांव में बेहतरीन गुणवत्ता वाला प्याज करीब 900 रुपये प्रति क्विंटल बिका. मालेगांव में किसानों के एक और समूह ने आंदोलन किया.  सागर भामरे, सुनील शेवाले और बाकी किसानों ने चेतावनी दी, 'बारिश ने हमारा सब कुछ छीन लिया है. अच्छी कीमत पर प्याज बेचने से हमें अपने बच्चों की पढ़ाई, इलाज, शादी-ब्याह और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सकती थी. मौजूदा हालात किसानों को कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर सकते हैं.' 

प्‍याज किसान बर्बादी की कगार पर  

रयात क्रांतिकारी शेतकरी संगठन के पदाधिकारी दीपक पगार के हवाले से अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने लिखा, 'सरकारी एजेंसियों ने करीब 3 लाख टन प्याज कम दामों पर खरीदा था. अब वो इसे बाजार में बेच रहे हैं जब दाम और गिर गए हैं. प्याज की उपभोक्ता मांग नहीं है. इससे प्याज उत्पादकों की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है और वे उत्पादन लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं.' पगार और उनके संगठन के सदस्यों ने प्याज ले जा रहे ट्रकों को रोक दिया और उनसे अनुरोध किया कि वे आगे से ऐसा न करें, वरना किसान उनके खिलाफ अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे. पगार ने कहा कि अपनी आवाज उठाने के लिए हमारे पास सभी रास्ते खुले हैं. 

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