फसल बीमा करने वाली कंपन‍ियों के ख‍िलाफ सरकार सख्त, अब भी बाकी है 2020 का मुआवजा 

फसल बीमा करने वाली कंपन‍ियों के ख‍िलाफ सरकार सख्त, अब भी बाकी है 2020 का मुआवजा 

एक बैठक में कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा क‍ि खरीफ 2020 सीजन का मुआवजा देने से बीमा कंपनियां बच रही हैं. जबक‍ि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भाग लेने वाली 6 कंपनियों में से 4 कंपनियों पर 224 करोड़ रुपये बकाया हैं. उन्हें यह पैसा क‍िसानों को देना होगा. 

Advertisement
फसल बीमा करने वाली कंपन‍ियों के ख‍िलाफ सरकार सख्त, अब भी बाकी है 2020 का मुआवजा  कृषि मंत्री धनंजय मुंडे

फसल बीमा योजना चलाने वाली कंपन‍ियों की मनमानी के ख‍िलाफ महाराष्ट्र सरकार सख्त हो गई है. पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कंपन‍ियों की बैठक लेकर उन्हें क‍िसानों को परेशान न करने की ह‍िदायत दी और अब कृषि मंत्री धनंजय मुंडे की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा क‍ि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत देय मुआवजे का भुगतान अगर 8 दिनों के भीतर नहीं होगा तो फसल बीमा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. महाराष्ट्र में इस साल पहले सूखे, फ‍िर कीटों के अटैक और उसके बाद भारी बार‍िश से क‍िसानों को काफी नुकसान हुआ है. उनकी गन्ना, कपास और सोयाबीन की फसल खराब हुई है. इसल‍िए क‍िसानों को मुआवजा चाह‍िए. कोव‍िड के समय के बाकी मुआवजे पर भी सरकार काफी सख्त है. 

कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने चेतावनी दी है कि अगर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रभाव‍ित किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया तो फसल बीमा कंपनियां नियमानुसार कार्रवाई के लिए तैयार रहें. उन्होंने पुराने बकाया मुआवजे का भी मामला उठाया. वो वर्ष 2020-21 में नुकसान झेलने वाले किसानों को फसल बीमा योजना के बावजूद मुआवजा देने में बीमा कंपनियों द्वारा देरी के कारण हो रही द‍िक्कतों को देखते हुए एक बैठक कर रहे थे. 

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र सरकार ने फसल बीमा कंपनियों को दिया बड़ा आदेश, कहा-क्लेम लेने में किसानों को न हो परेशानी

कोव‍िड काल में हुए नुकसान का मुद्दा उठा 

बैठक में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुप कुमार और संयुक्त सचिव सरिता बांदेकर देशमुख सहित भारतीय कृषि बीमा कंपनी, एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस, इफको टोक्यो जनरल इंश्योरेंस, बजाज एलियांज, भारती एक्सा, रिलायंस इंश्योरेंस आदि के प्रतिनिधी मौजूद रहे. इस मौके पर कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा क‍ि खरीफ 2020 सीजन में भारी बारिश के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. हालांकि, लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध, बीमा कंपनियों के कार्यालयों के काम न करने जैसे विभिन्न कारणों से, किसान कोविड-19 महामारी के कारण प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के बारे में बीमा कंपनियों को सूचित नहीं कर सके. 

बीमा कंपन‍ियों पर 224 करोड़ बकाया 

मुंडे ने कहा क‍ि खरीफ 2020 सीजन के लिए एनडीआरएफ के तहत बनाए गए पंचनामा को मानते हुए किसानों को मुआवजे के बारे में बीमा कंपनियों को सूचित किया गया है. हालांकि, बीमा कंपनियां इस संबंध में तरह-तरह के मुद्दे उठाकर मुआवजा देने से बच रही हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भाग लेने वाली 6 कंपनियों में से 4 कंपनियों पर 224 करोड़ रुपये बकाया हैं. 

कोविड एक वैश्विक आपदा थी. इसलिए कंपन‍ियों को क‍िसानों के ल‍िए सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए. कंपनियां अगले एक सप्ताह के भीतर ऐसी कार्रवाई करें और किसानों को मुआवजा वितरण के संबंध में निर्णय लें. इसके बाद राज्य स्तर पर समीक्षा कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- मराठवाड़ा में हुई कैब‍िनेट की व‍िशेष बैठक, 59000 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान 

 

POST A COMMENT