महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बैठक में बीमा कंपनियों को सख्त निर्देश दिया है कि फसल बीमा योजना के माध्यम से राज्य के उन किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए जिनकी फसल खराब हो गई है. इस मामले में बीमा करने वाली कंपनियां संवेदनशील और सकारात्मक रूप से किसानों की मदद करें. किसानों को क्लेम लेने में परेशानी न हो. मुख्यमंत्री शिंदे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के खरीफ सीजन के कार्यान्वयन के संबंध में समीक्षा बैठक कर रहे थे. महाराष्ट्र में सूखे की वजह से बड़े पैमाने पर फसल खराब हुई है. कॉटन, सोयाबीन और गन्ना की खेती पर बुरा असर पड़ा है. सूखे के बाद अब भारी बारिश परेशान कर रही है.
बैठक में कृषि मंत्री धनंजय मुंडे, लोक निर्माण मंत्री दादाजी भुसे, राहत एवं पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुप कुमार, कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे. सीएम ने कहा कि किसी भी कीमत पर उन किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए जिनकी फसल खराब हुई है.
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मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, अगस्त में भारी बारिश से राज्य के किसानों को नुकसान हो रहा है. राज्य सरकार उन्हें राहत देने के लिए मजबूती से खड़ी है. बीमा कंपनियों को भी उन किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए जिनका इस दौरान नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, इसलिए संकट के समय किसानों की मदद करने की भूमिका संवेदनशीलता और सकारात्मकता से निभानी चाहिए. कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने भी राज्य के विभिन्न इलाकों का निरीक्षण किया है और किसानों को तत्काल राहत की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों को सहायता राशि समय पर मिलनी चाहिए.
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में धनंजय मुंडे ने फसल बीमा का मुद्दा उठाया था. इसी कड़ी में यह बैठक आयोजित की गई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक रुपये में फसल बीमा योजना शुरू की है. महाराष्ट्र ऐसी बीमा योजना शुरू करने वाला पहला राज्य है. राज्य सरकार बीमा के लिए किसानों द्वारा भुगतान किए जाने वाले हिस्से का भुगतान कर रही है. इसलिए बीमा कंपनियों को भी किसानों की परेशानी समझनी चाहिए.
उधर, खरीफ सीजन 2023 में 1 करोड़ 70 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि 113 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा किया गया है. राज्य में ओरिएंटल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, यूनिवर्सल सोम्पो, यूनाइटेड इंडिया, चोलामंडलम, भारतीय कृषि बीमा कंपनी, एचडीएफसी एजी और रिलायंस जनरल जैसी बीमा कंपनियां किसानों को फसल बीमा का लाभ दे रही हैं.
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