UP: पैसे खर्च करके लाया था भिंडी का बीज, बर्बादी की कगार पर पहुंची किसान की पूरी फसल, जानिए वजह?

UP: पैसे खर्च करके लाया था भिंडी का बीज, बर्बादी की कगार पर पहुंची किसान की पूरी फसल, जानिए वजह?

इस मामले में रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के सहायक विकास अधिकारी दिलीप कुमार सोनी ने बताया कि भिंडी का बीज पुराना भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा सरकारी बीज की वितरण किया जाता है.

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UP: पैसे खर्च करके लाया था भिंडी का बीज, बर्बादी की कगार पर पहुंची किसान की पूरी फसल, जानिए वजह?लखनऊ मड़ियांव के सरियां टोला गांव निवासी किसान रामबली (Photo-Kisan Tak)

Lucknow Farmer Story: गर्मी के मौसम में गेहूं की फसल कट जाने के बाद किसान खाली खेत में सब्जी की खेती करने का प्रयास करते हैं. मई-जून के महीने में किसान भिंडी की खेती (Ladyfinger cultivation) करते हैं. आज हम लखनऊ के ऐसे किसान की कहानी बताने जा रहे हैं जो बीते 6 वर्षों से भिंडी की खेती करता आ रहा है. लेकिन इस साल उसकी फसल खराब होती नजर आ रही है. जिससे उसे 1.5 लाख रुपये का घाटा हो रहा है. राजधानी लखनऊ मड़ियांव के सरियां टोला गांव निवासी किसान रामबली ने बताया कि वो सरकारी ब्लॉक से एक किलो भिंडी का बीज अंकुर कंपनी का 5 हजार रुपये में खरीद कर लाए थे. सवा बीधे पक्का में भिंडी की खेती करने वाले रामबली बताते हैं कि दो महीने पहले खेत में बीज डाला था, लेकिन 24 मई तक एक पौधे पर 2 से 3 भिंडी आई है, वो भी बहुत छोटी-छोटी.

उन्होंने बताया कि पिछले साल अबतक हमारे खेत में भिंडी की फसल की पैदावार बहुत अच्छी हुई थी. मड़ियांव के सरियां टोला गांव निवासी किसान रामबली ने बताया कि सरकारी ब्लॉक से हमको बीज खराब मिला है, हम इसकी शिकायत करेंगे. क्योंकि मेरा 30 से 40 हजार रुपये का नुकसान हो गया है. लागत निकलना तो दूर अब तो मेरी पूरी फसल ही बर्बाद हो गई.

बीज को ऐसे करें चेक

इस मामले में रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के सहायक विकास अधिकारी दिलीप कुमार सोनी ने बताया कि भिंडी का बीज पुराना भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा सरकारी बीज की वितरण किया जाता है. हो सकता है कि किसान ब्लॉक में स्थित किसी प्राइवेट दुकान से बीज खरीदकर लाया हो.  दिलीप कुमार सोनी ने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि हमेशा बीज खरीदने से पहले उसे चेक कर लेना चाहिए. नमी वाली जगह पर 10 से 15 बीज जमीन में बोने से उसकी क्वालिटी पता चल जाती है. उन्होंने बताया कि अगर बीज खराब है तो वो जिला कृषि अधिकारी और जिला उद्यान अधिकारी के यह अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

किसान इन बातों का रखें ध्यान

सहायक कृषि विकास अधिकारी ने कहा कि गर्मी के मौसम में भिंडी की बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 23 से 25 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. बीज की बुआई के लिए गहराई लगभग 4.5 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. बुआई के समय नाइट्रोजन 40 किलोग्राम की आधी मात्रा, 50 किलोग्राम फास्फोरस एवं 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से अंतिम जुताई के समय प्रयोग करना चाहिए. मई जून के महीने में हर 4 से 5 दिन पर सिंचाई करनी चाहिए. भिंडी बोने के लगभग 15 दिन बाद से फल आना शुरू हो जाते है तथा पहली तुड़ाई 45 दिनों बाद शुरु हो जाती है. 

 

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