कश्मीर की अलग-अलग मंडियों में सेब उगाने वाले किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मुख्य मांग जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने की है, जो पिछले 19 दिन से बाढ़ के कारण बंद है. राजमार्ग पर फंसे ट्रकों में लदे सेब सड़ रहे हैं, जिससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. किसानों ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे. किसानों की मांग है कि पिछले 19 दिन से जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है उसे खोला जाए. बाढ़ के कारण तबाह हुई है, उससे उनका फल सड़ रहा है. उनकी मांग है कि फलों से लदे ट्रक को देश के बाहर और देश के अलग-अलग मंडियों में जाने की इजाजत मिले जो पिछले 19 दिन से राजमार्ग पर फंसे हैं.
कश्मीर की अलग-अलग मंडियों में कई दिनों से फलों की पेटियां खुले में पड़ी हुई हैं. व्यापारियों को इंतजार है कि जल्द हाईवे खुले ताकि वे ट्रकों के माध्यम से अपने फलों को देश के अलग-अलग बाजारों में भेज सकें. टूटने के बाद फलों को अधिक दिनों तक नहीं रखा जा सकता. अगर रेफ्रिजरेटर में नहीं रख सकते तो ये फल जल्द खराब हो जाते हैं. अभी यही देखा जा रहा है कि मंडियों में फल सड़ रहे हैं. जो फल ट्रकों में फंसे हैं, वे भी सड़ रहे हैं. इससे किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को भी नुकसान है.
किसानों की मांग है कि बाढ़ के कारण हाईवे बंद है और उस पर कई दिनों से फसलों से लदे ट्रक फंसे हैं जिन्हें तुरंत खोला जाए ताकि उनका माल देश की अलग-अलग मंडियों में पहुंच सके. मंडियों में किसानों का भारी हुजूम सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा है. किसानों की मांग है कि सरकार जल्द सेब किसानों को उबारने का काम करे. हाईवे को जल्द खोलने की मांग की जा रही है.
दूसरी ओर, भारतीय रेलवे ने कश्मीर घाटी से दिल्ली के बीच सेब की आपूर्ति सुचारु रखने के लिए एक नई तेज रफ्तार कार्गो पार्सल ट्रेन सेवा की शुरुआत की है. इस ट्रेन से हर दिन लगभग 200 मीट्रिक टन सेब श्रीनगर से नई दिल्ली भेजे जाएंगे.
इस सेवा की शुरुआत श्रीनगर रेलवे स्टेशन से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर की. फिलहाल यह सेवा एक ट्रेन के रूप में शुरू की गई है, लेकिन रेलवे सूत्रों का कहना है कि यदि बागवानी उद्योग की ओर से मांग बढ़ती है, तो इसकी फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जा सकती है.
कश्मीर का सेब उद्योग इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर ढुलाई संकट का सामना कर रहा है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे की बंदी के कारण सैकड़ों करोड़ रुपये की उपज ट्रकों, फल मंडियों और बागानों में फंसी हुई है. पूरी सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
नई कार्गो ट्रेन सेवा से उम्मीद की जा रही है कि इससे घाटी के सेब उत्पादकों को राहत मिलेगी और दिल्ली सहित अन्य बाजारों में समय पर आपूर्ति मिल सकेगी.
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