खेती-बाड़ी की बात हो और महाराष्ट्र का नासिक जिला जुबान पर न आए, भला ऐसा कैसे हो सकता है. अब तक आप जिस नासिक को लाल-लाल प्याज के लिए जानते थे, उसे अब देश के पहले प्राइवेट मंडी के लिए भी जानेंगे. जी हां. नासिक के डिंडोरी में देश की पहली प्राइवेट मंडी खुलने जा रही है. यह मंडी खोलने का लाइसेंस जिस कंपनी को मिला है, उसका नाम है सह्याद्री फार्मर प्रॉड्यूसर कंपनी यानी कि सह्याद्री एफपीसी. 100 एकड़ के दायरे में यह मंडी खुलने जा रही है जिसमें वर्ल्ड क्लास सुविधाएं होंगी.
डिंडोरी की प्राइवेट मंडी ऐसी होगी जहां एक साथ किसानों और खरीदारों को बैंकिंग, स्टोरेज, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग सर्विस की सुविधाएं मिलेंगी. ये सुविधाएं एक ही छत के नीचे होंगी. इसके साथ किसानों और व्यापारियों को ऑफलाइन और ऑनलाइन ट्रेडिंग के कई विकल्प मिलेंगे. फील्ड ट्रेड को यही से वैधता मिल जाएगी और किसानों को उनका मालिकाना हक दिलाने की सुविधा इसी मंडी से पूरी हो सकेगी. प्राइवेट मंडी बनाने वाली सह्याद्री फार्मर प्रॉड्यूसर कंपनी का ऐसा दावा है.
एफपीसी को नासिक के डिंडोरी में देश की पहली प्राइवेट मंडी खोलने का लाइसेंस मिला है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन महीने में मंडी बनकर तैयार हो जाएगी जिस पर तकरीबन 25 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. इस बारे में सह्याद्री एफपीसी के सीईओ विलास शिंदे कहते हैं, हमारा पूरा फोकस इस बात पर है कि ऐसी मंडी बनाई जाए जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर वर्ल्ड क्लास हो ताकि किसान अपनी उपजों को व्यापार में शामिल कर सकें. शिंदे के मुताबिक, मंडी में अनाजों की बोली लगाने और स्टोरेज की सुविधा तैयार की जा रही है. लगभग 90 फीसद इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा चुका है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मंडी में एक साथ 4000 टन अंगूर और मेवे स्टोर करने की जगह तैयार होगी. इसके अलावा अतिरिक्त 20,000 टन स्टोरेज की क्षमता भी तैयार की जा रही है. उपजों को बेचने के लिए किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की सुविधाएं ले सकेंगे. अभी तक बागवानी से जुड़े अधिकतर उत्पादों को किसान अपने खेत में ही बेचते रहे हैं. किसानों की शिकायत रही है कि व्यापारी इसके लिए अच्छे दाम नहीं देते और स्टोरेज की सुविधा नहीं होने के चलते कम रेट पर उपज बेचने की मजबूरी रहती है.
अब ऐसा नहीं होगा. नई बनाने वाली डिंडोरी की मंडी में किसान अपनी उपज को स्टोर भी कर सकेंगे. भले उन्हें तुरंत अपनी उपज न बेचनी हो, लेकिन उन्हें स्टोरेज की पूरी सुविधा मिलेगी. इस काम में एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमेटी यानी कि APMC की मनमानी देखई जाती रही है. लेकिन नई मंडी में ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि किसान मंडी में अपनी जगह बुक कर सकेंगे. नासिक में अभी तक अंगूरी बेचने की सुविधा किसानों को नहीं मिलती थी. सह्याद्री एफपीसी में किसान अंगूर भी बेच सकेंगे. तासगांव और पिंपलगांक के किसानों की शिकायत रहती थी कि उन्हें मेवे के सही रेट नहीं मिलते थे क्योंकि इस बाजार पर कुछ समूहों का कब्जा था. सह्याद्री एफपीसी का दावा है कि इन किसानों को भी प्राइवेट मंडी में उचित रेट मिलेंगे.
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