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मशरूम की खेती करती है पत‍ि-पत्नी की जोड़ी, सालाना 7 लाख रुपये से अधिक की कमाई

मशरूम की खेती करती है पत‍ि-पत्नी की जोड़ी, सालाना 7 लाख रुपये से अधिक की कमाई

नालंदा जिले के चंडी ब्लॉक के रहने वाले संजय कुमार व उनकी पत्नी मशरूम की खेती से कर रहे मोटी कमाई. कभी तीन एकड़ जमीन में परंपरागत खेती से घर का खर्च चलाना भी मुश्किल था. वहीं ये ऑयस्टर मशरूम की खेती साल के 12 महीने करते हैं.

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Image 'किसान तक'-संजय कुमार और उनकी पत्नी अनीता कुमारी 15 साल से ऑयस्टर मशरूम की खेती कर रहे हैं Image 'किसान तक'-संजय कुमार और उनकी पत्नी अनीता कुमारी 15 साल से ऑयस्टर मशरूम की खेती कर रहे हैं

मशरूम की खेती ने संजय कुमार के जीवन में काफी बदलाव लाया है. आज मशरूम की खेती के बदौलत इनकी लाइफ स्टाइल एक परंपरागत खेती करने वाले किसान से काफी बेहतर है और उन्हें अपने इस सफर में अपनी पत्नी अनिता कुमारी का साथ मिल रहा है. पति-पत्नी ऑयस्टर मशरूम की खेती से सालाना 7 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं. कभी सालाना 15 से 20 हजार रुपए बचत करने वाला संजय कुमार का परिवार आज मशरूम की खेती से सालाना लाखों रुपये की बचत कर रहा है और इसी खेती के दम पर मकान, गाड़ी और बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाने तक का सफर तय कि‍या है. वह किसान उत्‍पादक संगठन (एफपीओ) के साथ जुड़कर अन्य लोगों को भी मशरूम की खेती के लिए जागरूक कर रहे हैं.

नालंदा जिले के चंडी ब्लॉक के माधोपुर अनन्तपुर गांव के रहने वाले संजय कुमार व उनकी पत्नी करीब 15 साल से ऑयस्टर मशरूम की खेती कर रहे हैं. साथ ही इससे जुड़े कई प्रोडक्ट भी बना रहे हैं. वहबताते हैं कि मशरूम की खेती किसी  सरकारी नौकरी से बढ़िया है.

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रांची में पहली बार मशरूम देखने के बाद शुरू की खेती 

मशरूम की खेती शुरू करने के बारे में संजय कुमार बताते हैं कि उनकी पत्नी अनिता कुमारी ग्रेजुएट हैं. वह कहते हैं कि जब परिवार में आर्थिक तंगी बढ़ने लगी तो तब यह मन में विचार आया कि अब परंपरागत खेती से कुछ अलग करने की जरूरत है. संजय बताते हैं क‍ि इसी बीच 2008 में रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी पत्नी अनिता को जाने का मौका मिला. पहली बार अनीता ने मशरूम देखा. उसके बाद तय किया कि इसकी खेती करनी है. अनिता कुमारी कहती है कि उन्होंने ने मशरूम की खेती का प्रशिक्षण पंतनगर उत्तराखंड में लिया और 2010 में पहली बार10 किलो  मशरूम का उत्पादन किया. वहीं आज करीब महीने का 1800 किलो ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन हो रहा है. इसी मशरूम की खेती की वजह से आज जिंदगी में पैसे की कमी के कारण कोई काम नहीं रुकता है. संजय कुमार कहते हैं कि अब तक 10 से अधिक मशरूम की खेती से जुड़े अलग-अलग संस्थानों से प्रशिक्षण ले चुके हैं.

Image 'किसान तक'-महशरूम से सालाना 6 से सात लाख तक की कमाई
मशरूम से सालाना 6 से सात लाख तक की कमाई कर रहा ये दंपत्त‍ि- फोटो क‍िसान तक

गर्मी में भी करते हैं,ऑयस्टर मशरूम की खेती

संजय कुमार 'किसान तक' से बात करते हुए बताते हैं कि प्रायः देखा जाता है कि लोग गर्मी के मौसम में मशरूम की खेती नहीं करते हैं, लेकिन वे गर्मी में भी इसकी खेती करते हैं. इसके लिए उन्होंने ने एक क्लाइमेट कन्ट्रोल रूम बनाया है. साथ ही एक कमरे में एसी का व्यवस्था की है और इसी माध्यम से वे गर्मी के मौसम में प्रतिदिन 25 किलो तक मशरूम का उत्पादन करते हैं. वह कहते हैं कि क्लाइमेट कंट्रोल रूम बनाने में करीब 18 लाख रुपये तक का खर्च आया है और महीने का बिजली बिल करीब 3 से चार हजार रुपए तक आता है.

सालाना 6 से सात लाख की होती है कमाई

अनिता कुमारी कहती हैं कि मशरूम की खेती से साल के 6 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है. वहीं मशरूम का अचार, पाउडर, सूखा मशरूम भी तैयार करते हैं. इससे भी सालाना एक लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है. वह बताती है कि  2008 से पहले कभी नहीं सोचा था कि मशरूम की खेती से जिंदगी इतनी बढ़िया हो जाएगी. आज वह सब कुछ है,जो कभी सपनों में देखा करते थे.