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MBA डिग्री लेने के बाद शुरू क‍िया मछली पालन, अब सालाना 6 लाख रुपये तक की कमाई

MBA डिग्री लेने के बाद शुरू क‍िया मछली पालन, अब सालाना 6 लाख रुपये तक की कमाई

पिता की तबियत खराब होने की वजह से घर आए चित्रकेतू आज मछली पालन से मोटी कमाई कर रहे हैं. 20 एकड़ में परंपरागत खेती से जितनी कमाई नहीं होती थी. उसकी तुलना में 4 बीघा में मछली पालन कर वह 5 से 6 लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं.

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 मत्स्य पालन से सालाना 5 से 6 लाख की कमाई कर रहे हैं. फोटो- 'किसान तक' मत्स्य पालन से सालाना 5 से 6 लाख की कमाई कर रहे हैं. फोटो- 'किसान तक'

पिछले कुछ सालों से मछली पालन के व्यवसाय से जुड़कर 45 वर्षीय चित्रकेतू कुमार काफी खुश हैं. वे मछली पालन को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुबेर के खजाना से कम नहीं मानते हैं. MBA की डि‍ग्री ले चुके च‍ित्रकेतू बड़े शहर में नौकरी करने की जगह गांव की आबोहवा में रहकर कुछ अलग करने की चाह ने मछली पालन की ओर कदम रखा और आज ये मत्स्य पालन से सालाना 5 से 6 लाख की कमाई कर रहे हैं. और अन्य लोगों को भी परंपरागत खेती के साथ कुछ जमीनों में मत्स्य पालन करने का सुझाव देते हैं. आज के समय में दो तालाब से एक सीजन में 12 से 15 क्विंटल तक मछली निकाल लेते हैं.

चित्रकेतू कुमार बिहार राज्य के ज्ञान भूमि नालंदा जिले के बिहारशरीफ के निवासी है और आज ये परंपरागत खेती के साथ मछली पालन और तालाब के किनारे फलदार पेड़ों की मदद से अच्छी कमाई कर रहे हैं. और मत्स्य पालन के दम पर अपने परिवार का पालन पोषण के साथ एक अच्छी लाइफ स्टाइल के साथ जीवन बिता रहे हैं.

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परंपरागत खेती में नहीं दिखा लाभ तो शुरू किया मत्स्य पालन

घर के इकलौते चिराग चित्रकेतु कहते हैं कि पिता की तबि‍यत खराब रहने की वजह से घर आना हुआ. उसके बाद घर की 20 एकड़ पुश्तैनी जमीन में परंपरागत खेती करना शुरू किया, लेकिन खेती में लागत के अनुसार पैसा नहीं आता था. उसके बाद मत्स्य पालन का प्रशिक्षण लिया और मछली पालन के व्यवसाय से जुड़ गया. आज मात्र 4 बीघा जमीन में मछली पालन से 5 लाख तक की कमाई हो रही है. जबकि 20 एकड़ जमीन में धान, गेहूं से उतनी कमाई नहीं होती थी. आगे वह कहते हैं कि परंपरागत खेती में मजदूरी काफी बढ़ गई है. अगर मौसम का साथ रहा, तो धान गेहूं से कमाई हो जाती है. मगर मौसम का साथ नहीं मिला, तो पूरी लागत न‍िकालना भी मुश्क‍िल हो जाता था. वह बताते हैं क‍ि आज मत्स्य पालन के बदौलत जिंदगी में एक नया बदलाव आया है. उन्होंने बताया कि वह आईएमसी मछलियों का पालन करते हैं और इससे एक सीजन में कुल कमाई 10 लाख से अधिक है और शुद्ध कमाई 5 से 6 लाख तक है. साथ ही मुर्गी पालन, बगावनी से डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई होती है. यानी सालाना 7 लाख के आसपास कमाई होती है, जो बाहर में किसी के यहां नौकरी करने से लाख गुना बढ़िया है.

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Image 'किसान तक': 4 बीघा जमीन में मछली पालन से 5 लाख तक की कमाई कर रहे हैं.
4 बीघा जमीन में मछली पालन से 5 लाख तक की कमाई कर रहे हैं. फोटो क‍िसान तक

मछलियों को देते हैं ट्रेडिशनल फीड 

किसान तक से बातचीत करते हुए चित्रकेतू बताते हैं कि वह मछलियों के लिए फीड बाहर से नहीं खरीदते हैं. बल्कि उन्हें ट्रेडिशनल फीड देते है. वे घर पर ही सरसों की खली, राइस ब्रान, गेहूं, मक्का का दर्रा को फुलाकर मछलियों के चारे में उपयोग करते हैं. इसके साथ ही वह बताते हैं कि वह हैचरी से मछली का स्पॉन खरीद कर लाते है और एक साल तक उसका देखरेख करते हैं. वहीं जब मछली का आकार अंगुलिका या फिंगरलिंग हो जाता है. तब उसे बड़े तालाब में डालते हैं. इससे मछली 6 से 7 महीने में एक किलो तक तैयार हो जाते हैं. वहीं डेढ़ बीघा तालाब में मछली डालने के लिए 2 से तीन लीटर स्पॉन काफी है, जो 2 से 3 हजार रुपए प्रति लीटर मिलता है.