हिमाचल प्रदेश नेचुरल फार्मिंग के जरिए उगाई गई फसलों पर सर्वाधिक दाम देने वाला राज्य है. सरकार नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य के तहत 36 हजार और किसानों को इससे जोड़ेगी. प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बिक्री को सुव्यवस्थित करने के लिए 10 कृषि मंडियों में बुनियादी ढांचे को और मॉडर्न किया जा रहा है. यह बातें राज्य के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहीं.
हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती में गेहूं और मक्का के लिए रिकॉर्ड एमएसपी के साथ अग्रणी राज्य बन गया है. प्राकृतिक खेती के तरीकों से उत्पादित गेहूं और मक्का के लिए उच्चतम न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी देने में सबसे आगे है. प्राकृतिक खेती के जरिए गेहूं, मक्का उगाने वाले किसानों को एमएसपी से अधिक दाम दिया जा रहा है. जबकि, पशुपालकों की मदद के लिए गाय और भैंस के दूध का दाम भी बढ़ाया गया है.
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की गारंटी के हिस्से के रूप में प्राकृतिक खेती के जरिए उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का को 30 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदा जा रहा है. इसका मतलब है कि गेहूं के लिए 4000 रुपये प्रति क्विंटल और मक्का के लिए 3000 रुपये प्रति क्विंटल दाम किसानों को दिया जा रहा है. जबकि, गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल और मक्का का एमएसपी 2225 रुपये प्रति क्विंटल है.
बताया कि राज्य प्राकृतिक खेती के जरिए उगाई गई फसलों पर एमएसपी से अधिक दाम देने की योजना से भारी संख्या में किसानों को लाभ मिल रहा है. इस सीजन में राज्य सरकार ने प्राकृतिक तरीके से मक्का की खेती कर रहे 1,506 से अधिक किसान परिवारों को बढ़े हुए एमएसपी का लाभ मिल रहा है. राज्य सरकार ने अब तक 4,000 क्विंटल से अधिक मक्का पहले ही खरीदा जा चुका है.
उन्होंने कहा कि राज्य में 35,000 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जा रही है, जिसमें 1.98 लाख किसान शामिल हैं. किसानों की मदद के लिए 1.5 लाख से अधिक किसानों का मुफ्त सर्टिफिकेशन किया गया है और इस साल 36,000 से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती की पहल से जोड़ा जा रहा है. प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बिक्री को सुव्यवस्थित करने के लिए 10 कृषि मंडियों में बुनियादी ढांचे को मॉडर्न बनाया जा रहा है.
कृषि मंत्री ने कहा कि 680 करोड़ रुपये लागत वाली राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तीसरे चरण के तहत सरकार का लक्ष्य कृषि को रोजगार के अवसरों से जोड़ना है. राज्य जल्द ही प्राकृतिक खेती मक्का आटा ब्रांड हिमभोग लॉन्च करने की योजना बना रहा है. इसके अलावा डेयरी किसानों को सहायता देने के लिए गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर खरीदा जा रहा है.
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से 9000 करोड़ रुपये की आपदा राहत लंबित है, जो मिल जाए तो राज्य के किसानों को वित्तीय मदद पहुंचाई जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों और ग्रामीण विकास के लिए हिमाचल प्रदेश टिकाऊ कृषि और किसान कल्याण में एक मानक स्थापित कर रहा है.
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