प्रमुख दलहन फसल चने का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर पहुंच गया है. मध्यप्रदेश के बाद महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा चना उत्पादक है. यहां दाम एमएसपी से ज्यादा होने को वजह से किसान खुश हैं. केंद्र सरकार ने साल 2024-25 के लिए चने की एमएसपी 5440 रुपये प्रति क्विंटल तय की हुई है. जबकि राज्य की कई मंडियों में इसका मूल्य 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है. दलहन फसलों में चने की भागीदारी लगभग 40 प्रतिशत मनी जाती है. यानी अन्य दलहन फैसलों के मुकाबले इसकी ज्यादा खेती होती है. इसका सही दाम मिलता रहेगा तो भविष्य में किसान इसकी खेती बढ़ाएंगे.
काफी लोगों का कहना है कि चने का दाम इस साल एमएसपी से ज्यादा कैसे हुआ. दरअसल, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में इस साल बुवाई क्षेत्र में गिरावट आ गई थी. जिसके कारण देश में इस रबी सीजन में चना का रकबा 109.73 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 102.90 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसकी वजह से दाम में थोड़ी तेजी दिखाई दे रही है. इसका फायदा किसानों को मिलता नजर आ रहा है. पिछले साल किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा था. लेकिन इस वर्ष स्थिति किसानों के लिए ठीक है. कम रकबा की वजह से इस साल कम से कम चने का दाम एमएसपी से कम होने का अनुमान नहीं है.
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भारत दलहन फसलों का बड़ा आयातक है इसलिए अब सरकार इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है. नेफेड इसकी खरीद की एजेंसी है जो कई साल से किसानों से इसे खरीद रही है. केंद्र सरकार ने इस वर्ष चने की एमएसपी में 105 रुपये की वृद्धि की थी. सरकार ने बताया है चना उत्पादन में किसानों की लागत प्रति क्विंटल 3400 रुपये की आती है जबकि इसका एमएसपी उन्हें 5440 रुपये प्रति क्विंटल दी जा रही है. किसानों को उनकी लागत पर 60 प्रतिशत का मार्जिन दिया जा रहा है. वर्ष 2014-15 में इसका एमएसपी सिर्फ 3100 रुपये प्रति क्विंटल था.
(सोर्स: महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड)
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