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स्ट्रॉबेरी की खेती के ल‍िए सरकार देती है सब्स‍िडी, जान‍िए कौन-कौन हैं प्रमुख क‍िस्में 

स्ट्रॉबेरी की खेती के ल‍िए सरकार देती है सब्स‍िडी, जान‍िए कौन-कौन हैं प्रमुख क‍िस्में 

पहले वर्ष में लागत राशि का 60 प्रतिशत, दूसरे और तीसरे वर्ष में लागत राशि की 20-20 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. सब्स‍िडी प्रति किसान द्वारा चार हेक्टेयर तक म‍िलती है. किसानों को एक हेक्टेयर पर लागत का 40 फीसदी करीब 1 लाख 12 हजार की सब्स‍िडी दी जाती है. 

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स्ट्रॉबेरी की खेती स्ट्रॉबेरी की खेती

वर्तमान समय में ग्रीनहाउस, पॉलीहाउस वर्तमान और हाइड्रोपोनिक्स में स्ट्रॉबेरी की खेती की जाती है. स्ट्रॉबेरी की खेती पर किसानों को सब्सिडी तक मिलती है. प्रति हेक्टेयर लागत 2 लाख 80 हजार रुपये तक आती है. ऐसे में किसानों को एक हेक्टेयर पर लागत का 40 फीसदी करीब 1 लाख 12 हजार की सब्स‍िडी दी जाती है. यह सब्सिडी तीन किस्तों में मिलती है. पहले वर्ष में लागत राशि का 60 प्रतिशत, दूसरे और तीसरे वर्ष में लागत राशि की 20-20 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. सब्स‍िडी प्रति किसान द्वारा चार हेक्टेयर तक म‍िलती है. इसका फल हृदय के आकार का होता है और अंदर का गूदा सफेद या गहरा लाल होता है. यह इसकी किस्म पर निर्भर करता है. 

फल की लंबाई 2 से 5 सेंमी के बीच होती है. फल में असंतृप्त वसा कम होता है लेकिन ओमेगा-3 फैटी एसिड और पॉली अनसैचुरेटेड वसा होता है. साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और खनिज लवण होते हैं. लेक‍िन अनुदान और अन्य बातों के अलावा सबसे महत्चपूर्ण यह है क‍ि क‍िस्म कौन सी है. क‍िस्म अच्छी है तो क‍िसानों को उत्पादन ज्यादा म‍िलेगा और उनकी इनकम बढ़ेगी. भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद के वैज्ञान‍िकों ने स्ट्रॉबेरी की कुछ बेहतरीन क‍िस्मों के बारे में जानकारी दी है. आप इनमें से अपे ल‍िए सही क‍िस्म का चुनाव करके अच्छा फायदा उठा सकते हैं. 

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प्रमुख स्ट्रॉबेरी किस्में

चांडलर

इस किस्म में फल बड़े और कठोर छिलके वाले होते हैं. फलों का वजन 18 ग्राम होता है. फलों का स्वाद और रंग अच्छा होता है, इसका मिठाइयों में उपयोग किया जाता है. वायरल बुखार और शारीरिक क्षति के प्रति सहनशील होता है. 

टियागा

इस किस्म की बेरी का वजन 9 ग्राम है. फल बहुत तेजी से पकता है और साथ ही यह वायरल बुखार के प्रति सहनशील होती है. 

टॉरे

मध्यम दृढ़ता वाला बड़ा फल है. बेरी का वजन 6 ग्राम, अच्छी गुणवत्ता वाला फल और वायरल बुखार के प्रति सहनशील होता है. .

सेल्वा

फल, ऑफ सीजन में भी उपलब्ध होते हैं. फल शंक्वाकार या ब्लॉक आकार के होते हैं. फलों का वजन 18 ग्राम होता है और मिठाई के लिए अच्छा होता है.

बेलरुबी

फल का रंग चमकीला लाल और आकार शंक्वाकार होता है. फल का स्वाद अम्लीय रंग के साथ मीठा होता है. बेरी का वजन 15 ग्राम होता है और यह उत्पादन के ल‍िहाज से अच्छा है. 

फर्न

यह जल्दी पकने वाली किस्म है. मध्यम आकार के लाल रंग के फल, उत्कृष्ट स्वाद, फल मीठा या स्वाद में थोड़ा खट्टा और बेरी का वजन 25 ग्राम होता है.  

पजारा

बड़े आकार और मजबूत त्वचा वाला लाल रंग का फल, रोगों के प्रति सहनशील है. 

अन्य किस्में

एल्बियन, अरोमास, डायमांटे, एवरेस्ट, एवी. 2, एवी. 3 फोर्ट लारमी, हेकर, मारा डेस बोइस, मोंटेरी, पोर्टोला, क्विनॉल्ट, ट्रिब्यूट, ट्रिस्टार, सैन एंड्रियास और सीस्केप.

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